जयपुर. रोड़वेज के श्रमिकों की ओर से कोविड-19 वैश्विक महामारी जैसी राष्ट्रीय आपदा में राज्य सरकार के निर्देशानुसार कर्मठता और कर्तव्य परायणता से कार्य करते हुए जनोपयोगी प्रयासों में सहभागिता की है. साथ ही तत्परता से कार्य करते हुए कोरोना योद्धा की भूमिका निभाई है, लेकिन अफसोस वो ही योद्धा आज राज्य सरकार और महकमें के खिलाफ सड़कों पर उतर आए और वादाखिलाफी का आरोप लगा रहे हैं.
रोड़वेज कर्मचारियों ने अपनी मांगों को लेकर निकाली रैली राजस्थान परिवहन निगम संयुक्त कर्मचारी फेडरेशन के नेतृत्व में बड़ी संख्या में कर्मचारियों ने शुक्रवार को रोड़वेज मुख्यालय के बाहर धरना दिया. जहां 19 सूत्रीय मांग के समाधान के लिए प्रदेशभर से रोड़वेज कर्मचारी जुटे और आगे की रणनीति को लेकर चर्चा की. साथ ही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और परिवहन मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास के नाम राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक को ज्ञापन सौंपा.
इस मौके पर संगठन के प्रदेश महामंत्री महेश चतुर्वेदी ने अपनी मांगों को लेकर कहा कि निगम कर्मचारियों को माह के प्रथम कार्य दिवस को ही वेतन और पेंशन दिया जाना सुनिश्चित किया जाए. साथ ही राज्य सरकार के अनुरूप निगम में सातवां वेतनमान लागू किया जाए. वहीं सेवानिवृत्त कर्मचारियों के बकाया परिलाभों का शीघ्र भुगतान करने और न्यायालय के निर्देशानुसार भुगतान ब्याज सहित किया जाए.
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सबसे बड़ी मांग ये है कि निगम के सभी बस अड्डों से अवैध संचालन और लोक परिवहन की बसों का संचालन बंद करने सहित अन्य मांगें की गई है. वहीं विशाल धरने से पहले शहर के सिंधी कैम्प बस स्टेशन से लेकर सिविल लाइंस फाटक तक कर्मचारियों की ओर से रैली भी निकाली गई. जिसमें हाथों में तख्तियां और बैनर लेकर कर्मचारियों ने अपनी आवाज बुलंद की. कर्मचारियों का कहेना है कि यदि समय रहते मांगे नहीं मानी गई तो बड़ा आंदोलन भी किया जाएगा.