जयपुर.करीब 2 माह से बंद पड़ी रोडवेज बसों का संचालन 23 मई से शुरू किया जाएगा. 55 रूटों के लिए समय सारणी तैयार की गई है. रोडवेज बसों का संचालन सुबह 7 बजे से शाम 7 बजे तक किया जाएगा. एक बस में सिर्फ 30 सवारी ही बिठाई जाएगी.
परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा है कि, आमजन के आवागमन को देखते हुए रोडवेज बसों के संचालन का निर्णय लिया गया है. रोडवेज बसों का संचालन होने से आमजन को राहत मिलेगी. सरकार की गाइडलाइन की पालना के साथ ही रोडवेज बसों का संचालन किया जाएगा. प्रदेशभर के विभिन्न रूटों पर शनिवार से रोडवेज बसें शुरू की जाएगी. सभी बसों में यात्रियों को मास्क लगाना अनिवार्य रहेगा. साथ ही सैनिटाइज कर सोशल डिस्टेंसिंग की पालना भी करवाई जाएगी.
राजस्थान सरकार की ओर से ग्रीन और ऑरेंज जिलों के लोगों को यातायात सुविधा देने के लिए कोरोना संक्रमण के बचाव को ध्यान में रखते हुए सीमित संख्या में रोडवेज की बसों का संचालन प्रारंभ किया गया है. पूरी तरह से रेड जोन में आने वाले 12 जिले जिनमें सीकर, राजसमंद, जोधपुर, अजमेर, सिरोही, बाड़मेर शामिल है इनमें रोडवेज की बसें संचालित नहीं होगी.
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ऑनलाइन करवाना होगा बुकिंग
जिन जिलों में जाने के लिए रेड जोन को पार करना होता है वहां बसे बाईपास से ही निकाली जाएगी. बसों में अग्रिम ऑनलाइन बुकिंग कराना होगा, जोकि मोबाइल एप और ई मित्र केंद्रों के माध्यम से भी की जा सकेगी. यात्रियों की थर्मल स्क्रीनिंग और मास्क पहनने की अनिवार्यता रहेगी. साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग का विशेष रूप से ध्यान रखा जाएगा. जिन यात्रियों को रोडवेज की बस में यात्रा करनी है वह ऑनलाइन माध्यम से भुगतान कर अपना टिकट ले सकते हैं. अगर किसी मेडिकल इमरजेंसी के कारण बसों का संचालन रोकना पड़ता है, तो यात्रियों को पूरा रिफंड दिया जाएगा.
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प्रवासियों को घर पहुंचाने के लिए रोडवेज की सेवाएं जारी
राज्य सरकार के निर्देशों पर रोडवेज प्रशासन लगातार विभिन्न राज्यों के लिए श्रमिक स्पेशल बसों का संचालन कर रहा है. गुरुवार को 210 बसों से 7500 श्रमिकों को विभिन्न राज्यों के लिए रवाना किया गया. उत्तर प्रदेश के लिए 129, मध्य प्रदेश के लिए 40 और उत्तराखंड के लिए 31 बजे चलाई गई. रोडवेज बसें अभी तक हाथरस, मंदसौर, शिवपुरी, मुरैना और हरिद्वार जैसे शहरों के लिए भेजे जा चुकी है. हिमाचल प्रदेश में शिमला के लिए अब तक तीन बसें भेजी जा चुकी है. वहां से वापसी में राजस्थान की लगभग 100 श्रमिकों को वापस लाया जा रहा है.
दिल्ली में फंसे हुए श्रमिकों को लाने के लिए 50 बसों को भेजा जाना तय हुआ है. यह बसें राजस्थान के विभिन्न जिलों में रहने वाले श्रमिकों को लेकर एक-दो दिन में दिल्ली से रवाना हो जाएंगी. महाराष्ट्र के यवतमाल जिले से राजस्थान के 95 श्रमिकों को लाने के लिए प्रतापगढ़ आगार से 3 बसे गुरुवार को पहुंच चुकी है। बीकानेर के नोखा के 36 श्रमिकों को लाने के लिए और गुजरात के 32 श्रमिकों को सूरत छोड़ने के लिए भी बस चलाने की तैयारी हो चुकी है.