जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और राज्य सरकार ने स्पष्ट निर्देश है कि कोई भी श्रमिक यूपी, बिहार, बंगाल या दूसरे राज्यों में स्थित अपने घरों के लिए पैदल सड़कों पर नहीं निकले उनके रहने के लिए व्यवस्था की जा रही है. इन्हीं निर्देशों के तहत जयपुर से भरतपुर तक हर उपखंड अधिकारी के पास रोडवेज की दो-दो बसें तैयार खड़ी करवाई गई है, ताकि श्रमिकों को पैदल न चलना पड़े. ये कहना है संभागीय आयुक्त केसी वर्मा का. केसी वर्मा गुरुवार को मीडिया से रूबरू हुए.
मजदूरों के लिए चलाई जाएंगी रोडवेज बसें इस दौरान उन्होंने कहा कि जयपुर से भरतपुर तक हर उपखंड अधिकारी के पास रोडवेज की दो-दो बसें तैयार खड़ी करवाई गई है ताकि पैदल चले श्रमिकों को शिविरों में ठहराया जा सके. उन्होंने कहा कि जयपुर जिले से पैदल जाने वाले यूपी के यात्रियों को हाथरस तक रोडवेज की बसों से छोड़ा जाएगा.
संभागीय केसी वर्मा ने कहा कि बस्सी, सांगानेर, 200 फीट बाईपास, हरमाड़ा, कूकस, कानोता जैसी करीब एक दर्जन जगहों पर श्रमिक कैंप स्थापित किए गए हैं. यहां रेल से यात्रा का प्रबंध होने तक बिहार और बंगाल जाने के लिए पैदल निकले श्रमिकों को रोककर उनके लिए भोजन, पानी, चिकित्सा और आराम की व्यवस्था की गयी है.
केसी वर्मा ने कहा कि उत्तर प्रदेश जाने वाले श्रमिकों को रोडवेज की बसों से समझौते के अनुसार हाथरस तक भिजवाया जा रहा है, लेकिन अभी बंगाल और बिहार के लिए सहमति नहीं बनी है, इसलिए इनके लिए रेल यात्रा का प्रबंध होने तक इनकों श्रमिक कैंपों में रखा जाएगा.
श्रमिकों को कैंप में पहुंचाने के लिए हो रही है पेट्रोलिंग
केसी वर्मा ने बताया कि लॉकडाउन में अन्य राज्यों के 13 हजार 727 इच्छुक प्रवासियों को जयपुर जिले से गृह राज्य में भेजा गया है. वर्तमान में श्रमिकों के लिए जयपुर जिले में कुल 12 शेल्टर होम संचालित है, जिनकी क्षमता लगभग 2500 है. जयपुर जिले में सड़क पर पैदल चलने वाले प्रवासियों को रुक रुक कर उनको बस से निकटतम शेल्टर होम में भेजा जाएगा. उनके लिए वहां मास्क, सैनिटाइजर और भोजन की व्यवस्था की जाएगी, यदि कोई मजदूर यूपी जाने के इच्छुक हैं तो उन्हें उनकी इच्छा अनुसार तुरंत हाथरस तक बस के जरिए पहुंचाया जाएगा.
भरतपुर के रास्ते के सभी उपखंड अधिकारियों को पैदल चलने वाले श्रमिकों को शेल्टर होम में भिजवाने के लिए दो-दो बसें उपलब्ध करवा दी गई है. कैंप में बिहार, बंगाल के श्रमिकों की काउंसलिंग की जा रही है ताकि कैम्प में रुके. उन्हें आश्वस्त किया जा रहा है कि ट्रेन की व्यवस्था होते ही उन्हें वहां से अपने घर के लिए रवाना कर दिया जाएगा.
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उन्होंने कहा कि सड़क पर चलते श्रमिकों को कैंप में पहुंचाने के लिए लगातार सड़कों पर पेट्रोलिंग की जा रही है. थाने, चेकपोस्ट, एसडीएम, तहसीलदार सभी इस विषय पर अलर्ट मोड पर है. टोल पर भी टेंट आदि लगाए जाने के लिए कहा गया है. साथ ही भरतपुर बॉर्डर पर 5 हजार श्रमिकों की व्यवस्था के लिए भरतपुर जिला कलेक्टर को निर्देश दे दिए गए हैं. वर्मा ने बताया कि श्रमिक कैंपो की व्यवस्था के लिए राउंड दी क्लॉक एक गजेटेड अफसर की ड्यूटी लगाई गई है जो श्रमिकों की भोजन, पानी आराम और चिकित्सा संबंधी व्यवस्थाएं सुनिश्चित कर रहे हैं.
इन स्थानों पर श्रमिक को के लिए लगाये कैम्प
कमला देवी बुधिया सीनियर सैकेंडरी स्कूल, 200 फीट, बाईपास, अजमेर रोड, जयपुर, अखिल भारतीय खंडेलवाल वैश्य महासभा आरपीए के पास शास्त्री नगर जयपुर, राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय जोड़ला हरमाड़ा, राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय हरमाड़ा, राजकीय प्राथमिक विद्यालय मोटू का बास, गुरुकुल विद्यालय नींदड़ मोड़, एनके पब्लिक स्कूल राजावास सीकर रोड, राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय कूकस, राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय लबाना, राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय चंदवाजी, जसोदा देवी बीएड कॉलेज टोंक रोड जयपुर, राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय कानोता.