जयपुर. राजस्थान रोडवेज के बेड़े में 44% से अधिक बसें खटारा हैं. जो रोडवेज के मापदंडों के अनुसार ही तय पार कर चुकी है. बावजूद इसके सड़कों पर यमदूत बनकर घूम रही हैं. यह कहना है प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़ का.
राजस्थान विधानसभा में उठा रोडवेज बसों का मुद्दा राजस्थान विधानसभा में रोडवेज के वार्षिक प्रतिवेदन पर चर्चा के दौरान राठौड़ ने कहा, कि जब खुद रोडवेज के प्रतिवेदन में लिखा हुआ है, कि एक बस की उम्र 6 साल होनी चाहिए, लेकिन रोडवेज में चल रहीं 1825 बसें 7 साल से से ज्यादा चल चुकी हैं.
वादा पूरा नहीं किया, तो उन्हें उनका साफा ही लौटा दो....
राजेंद्र राठौड़ ने कहा, कि जब आप विधानसभा चुनाव लड़ रहे थे, तब रोडवेज कर्मचारियों के आंदोलन के दौरान आपने कहा था हमारी सरकार आई तो पेंशन भी देंगे, ग्रेजुएटी का पैसा भी देंगे और नई भर्ती भी करेंगे, लेकिन अब आप की सरकार है और मजबूत सरकार है, लेकिन वादे अब तक अधूरे हैं. अब यदि वादे पूरे नहीं कर सकते, तो कम से कम उन कर्मचारियों को वह साफा ही लौटा दो जो उन्होंने आपको चुनाव से पहले पहनाया था.
यह भी पढे़ं-पुलवामा हमले की पहली बरसी पर संयोग, शहीद रोहिताश के परिवार में जन्मा छोटा 'रोहिताश'
राजेंद्र राठौड़ ने इलेक्ट्रिकल बसों की खरीद एक ही फार्म श्रीनाथ ट्रैवल्स को दिए जाने पर भी सवाल उठाया और यह भी कहा कि जिस दर से वह इन बसों के संचालन करेगा उससे कम दरों पर अन्य फॉर्म आसानी से रिलेटिव बसे प्रति किमी के हिसाब से संचालन कर सकती है.
राठौड़ ने चर्चा में यह भी कहा कि यदि प्रतिवेदन साल 2018-19 के बजाय साल 2019-20 का होता तो ज्यादा बेहतर होता. राठौड़ ने कहा, कि भाषण देने में परिवहन मंत्री माहिर हैं. उन्होंने कहा, कि राजस्थान में 1 हजार व्यक्तियों पर वाहनों की संख्या 230 उत्तर प्रदेश में 1 हजार व्यक्तियों पर साढ़े 27% के पास खुद के कोई ना कोई वाहन है. ऐसे में हमें पब्लिक ट्रांसपोर्ट को और मजबूत करने की आवश्यकता है.