जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में शुक्रवार को मुख्यमंत्री निवास पर हुई उच्च स्तरीय बैठक में कई अहम निर्णय लिए गए. प्रदेश स्तर पर कोरोना स्टेट वाॅररूम तथा सभी जिलों में जिला स्तरीय कंट्रोल रूम सहित 181 हेल्पलाइन को चैबीसों घंटे फिर से कार्यशील करने, संक्रमण की पांच प्रतिशत से अधिक पाॅजीटिविटी रेट वाले क्षेत्रों में टेस्टिंग बढ़ाने, हैल्थ प्रोटोकाॅल की पालना के लिए एनसीसी, एनएसएस, स्काॅउट एण्ड गाइडस की वाॅलन्टियर के रूप में सेवाएं लेने, कोविड प्रोटोकाॅल के उल्लंघन पर संयुक्त टीमों की कार्रवाई बढ़ाने तथा सीमावर्ती जिलों में राज्य के बाहर से आने वाले व्यक्तियों की नेगेटिव आरटीपीसीआर जांच रिपोर्ट के लिए बनाई गई चेकपोस्टों को अधिक सुदृढ़ करने जैसे कडे़ कदम उठाए गए हैं.
बैठक के दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जिला कलेक्टरों और पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिए कि संक्रमण की चेन तोड़ने के लिए माइक्रो कंटेनमेंट जोन में जीरो मोबिलिटी, काॅन्टेक्ट ट्रेसिंग तथा होम आइसोलेशन की पालना सुनिश्चित करें. उन्होंने कहा कि प्रदेश में संक्रमण की रफ्तार बीते कुछ दिनों में तेजी से बढ़ी है और हम संक्रमण की पहली लहर के सर्वोच्च स्तर को पीछे छोड़ चुके हैं. इसे देखते हुए जमीनी स्तर पर कोविड प्रोटोकाॅल तथा एसओपी के उल्लंघन को सख्त उपायों से रोका जाना बेहद जरूरी है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना हाॅट-स्पाॅट बन रहे क्षेत्रों की पहचान कर इनको नियमानुसार माइक्रो कंटेनमेंट जोन घोषित किया जाए. उन्होंने कहा कि ऐसे क्षेत्रों में लोगों की आवाजाही को रोकने पर विशेष फोकस करना होगा. इसमें स्थानीय स्वायत्त शासन और सार्वजनिक निर्माण सहित अन्य विभागों की मदद ली जाए. उन्होंने कहा कि कोविड प्रोटोकाॅल की पालना में सख्ती के साथ-साथ समझाइश पर भी जोर दें और अधिकारियों का आम लोगों के साथ व्यवहार संयत हो. उन्होंने कहा कि कोरोना की लड़ाई में जनसहयोग आवश्यक है.
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चिकित्सा मंत्री डाॅ. रघु शर्मा ने कहा कि पिछले कुछ दिनों में देश के साथ-साथ राजस्थान प्रदेश में भी संक्रमितों की संख्या में तेजी से हुए इजाफे का बड़ा कारण लोगों में कोविड अनुशासन के प्रति लापरवाही बरतना है. उन्होंने इस ढिलाई को रोकने के लिए एक बार फिर समाज के सभी वर्गाें का सहयोग लेने की आवश्यकता पर बल दिया.
मुख्य सचिव निरंजन आर्य ने कहा कि कोरोना संक्रमण की पहली लहर के समय अलवर, जयपुर तथा भीलवाड़ा में जिस प्रभावी तरीके से कंटेनमेंट किया गया था. अब दूसरी लहर के दौरान भी अधिकारियों को उसी गम्भीरता से काम करने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि जिला कलेक्टर कोरोना गाइडलाइन की पालना को सुनिश्चित करें.