जयपुर.मुख्यमंत्री कार्यालय में बुधवार को सीएम अशोक गहलोत ने कृषि एवं सहकारिता विभाग की समीक्षा बैठक ली. जहां उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार की ओर से प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत प्रीमियम की राशि समय पर जमा नहीं करवाने के कारण किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ा. सीएम ने कहा कि हमारी सरकार ने उसका भार वहन किया. इसके अलावा उन्होंने निर्देश दिए कि आगे से यह सुनिश्चित किया जाए कि प्रीमियम की राशि समय पर जमा हो.
टिड्डी प्रकोप की आशंका पर समय रहते करें माकूल इंतजाम
मुख्यमंत्री ने टिड्डी के प्रकोप के कारण प्रदेश के करीब 8 जिलों में फसलों में हुए नुकसान पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि विश्व खाद्य एवं कृषि संगठन की ओर से जारी बुलेटिन के अनुसार इस वर्ष टिड्डी का प्रकोप ज्यादा होने की आशंका है. सोमालिया, इथोपिया, इरिट्रिया, पाकिस्तान, बलूचिस्तान और अरब देशों में टिड्डियों की संख्या में भारी वृद्धि होने के कारण मई माह से प्रदेश में टिड्डी का प्रकोप फिर बढ़ सकता है.
सीएम गहलोत ने ली कृषि एवं सहकारिता विभाग की समीक्षा बैठक सीएम गहलोत ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि जोधपुर स्थित भारत सरकार के टिड्डी चेतावनी संगठन के साथ समन्वय कर समय रहते माकूल इंतजाम किए जाएं. केंद्र सरकार को टिड्डी से निपटने के लिए अधिक संसाधन उपलब्ध कराने के लिए पत्र लिखा जाए. साथ ही किसानों को भी टिड्डी से बचाव के उपाय करने के लिए जागरूक किया जाए. उन्होंने कहा कि इस कार्य में आमजन की भागीदारी बढ़ाकर संभावित नुकसान को कम किया जा सकता है.
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चना एवं सरसों खरीद में किसानों को नहीं हो परेशानी
मुख्यमंत्री ने रबी सीजन 2020-21 के तहत समर्थन मूल्य पर चना और सरसों की खरीद के लिए पर्याप्त इंतजाम करने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि पंजीयन एवं खरीद की प्रक्रिया में किसानों को किसी तरह की परेशानी का सामना नहीं करना पडे़. उन्हें फसल का भुगतान समय पर हो. किसानों को खरीद प्रक्रिया के लिए भारत सरकार द्वारा निर्धारित गाइडलाइन से भी अवगत कराया जाए, ताकि खरीद केन्द्रों पर किसी तरह की अव्यवस्था नहीं हो. गहलोत ने खरीफ 2020 के लिए सहकारी फसली ऋण वितरण की समीक्षा करते हुए कहा कि इस योजना में अधिक से अधिक नए किसानों को जोड़ा जाए.
टिड्डी प्रभावित 66 हजार किसानों को 139 करोड़ का भुगतान
प्रमुख शासन सचिव, सहकारिता, नरेशपाल गंगवार ने बताया कि टिड्डी प्रभावित आठ जिलों के 66 हजार से अधिक किसानों को आपदा राहत कोष के माध्यम से 110 करोड़ रुपए और बीमा कम्पनियों के माध्यम से 25 फीसदी अंतरिम क्लेम के रूप में 29 करोड़ रुपए का भुगतान कर दिया गया है. शेष किसानों का भुगतान भी जल्द कर दिया जाएगा. ओलावृष्टि से हुए नुकसान का बीमा कम्पनियों और कृषि विभाग की ओर से संयुक्त सर्वेक्षण का काम एक सप्ताह में पूरा हो जाएगा और किसानों को जल्द कृषि आदान-अनुदान का वितरण शुरू होगा.
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सहकारी फसली ऋण वितरण योजना से जुडे़ंगे तीन लाख नए किसान
गंगवार ने बताया कि सरसों एवं चना की खरीद के लिए कोटा संभाग में 6 मार्च तथा शेष राजस्थान में 18 मार्च से किसानों का ऑनलाइन पंजीयन शुरू कर दिया गया है. कोटा संभाग में 16 मार्च से खरीद शुरू हो गई है और शेष राजस्थान में 1 अप्रैल से खरीद शुरू होगी. उन्होंने बताया कि इस वित्तीय वर्ष में सहकारी फसली ऋण वितरण योजना से 25 लाख किसानों को लाभान्वित करने का लक्ष्य रखा गया है, जिनमें 3 लाख नए किसान शामिल होंगे.
वहीं, बैठक के दौरान कृषि मंत्री लालचंद कटारिया, सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना, कृषि राज्य मंत्री भजनलाल जाटव, मुख्य सचिव डीबी गुप्ता, राजस्थान राज्य भंडारण निगम के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक पवन कुमार गोयल, अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त निरंजन आर्य, शासन सचिव आपदा प्रबन्धन सिद्धार्थ महाजन, आयुक्त कृषि डाॅ. ओमप्रकाश, प्रबन्ध निदेशक राजफैड सुषमा अरोड़ा सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे.