राजस्थान

rajasthan

ETV Bharat / city

रेवेन्यू बोर्ड अजमेर रिश्वत मामला: दो निलंबित आरएएस सहित तीन के खिलाफ चालान पेश - Jaipur ACB Suspended RAS Challan

रेवेन्यू बोर्ड अजमेर में भ्रष्टाचार से जुडे रिश्वत मामले में एसीबी ने सोमवार को कोर्ट में रेवेन्यू बोर्ड के सदस्य रहे निलंबित आरएएस सुनील कुमार शर्मा और भंवरलाल मेहरडा के साथ ही दलाल शशिकांत जोशी के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 , 7 ए 8 व 12 और आईपीसी की धारा 466, 120 में चालान पेश कर दिया.

revenue board ajmer bribery case
रेवेन्यू बोर्ड अजमेर रिश्वत मामला

By

Published : Jun 7, 2021, 9:57 PM IST

जयपुर. एसीबी ने माना है कि बोर्ड के दोनों सदस्य दलाल शशिकांत जोशी के जरिए बोर्ड में लंबित केसों में मनचाहा फैसला करवाने के लिए पक्षकारों से मिलीभगत कर रिश्वत प्राप्त करते थे. एसीबी ने चालान में कहा कि अनुसंधान से यह प्रमाणित है कि रेवेन्यू बोर्ड में विचाराधीन केसों की सुनवाई के दौरान पक्षकारों से शशिकांत के जरिए मिलीभगत कर कोर्ट के आदेश में बदलाव कर उसे ही पारित किया जाता था.

इसके अलावा कई केसों के रिजर्व फैसलों में भी शशिकांत संबंधित पक्षकारों को रिश्वत देने के लिए प्रेरित करता था. अनुसंधान में यह भी पाया है कि किसी मामले में बोर्ड सदस्य सुनील कुमार शर्मा ने दलाल शशिकांत जोशी से टाइपशुदा आदेश प्राप्त किया था और अगले दिन सदस्य सुनील ने उसके अनुसार ही आदेश जारी किए.

इसी प्रकार सदस्य भंवरलाल मेहरडा के निवास पर भी लिफाफे में मिली नगद राशि से भी भ्रष्टाचार के आरोपों की पुष्टि होती है. दरअसल एसीबी को शिकायत मिली थी कि राजस्व संबंधी मामलों में निर्णय देने या बदलने के लिए राजस्व बोर्ड में सदस्य के तौर पर तैनात मेहरडा और सुनील कुमार शर्मा रिश्वत लेते हैं. रिश्वत लेने का सारा काम बिचौलिए अधिवक्ता शशिकांत के जरिए किया जाता है. इस पर एसीबी ने दोनों अधिकारियों के घर छापा मारकर करीब अस्सी लाख रुपए की नकदी बरामद की थी. जांच में सामने आया कि दलाल शशिकांत मुकदमे में फैसला पक्ष में करवाने के लिए केस के पक्षकार से संपर्क कर रिश्वत राशि तय करता था. वहीं फैसला आने से पहले वह उसका मुख्य हिस्सा पहले की संबंधित पक्षकार को भेज देता था.

पढ़ें-10 हजार करोड़ देने के बाद भी राजनीति की भेंट चढ़ गई जल जीवन मिशन योजनाः राठौड़

एसीबी ने चालान में कहा कि 14 अप्रैल 2021 से 8 जून 2021 तक प्रदेश में लॉकडाउन व कोविड प्रोटोकोल के चलते अन्य गवाहों व दस्तावेजों का अनुसंधान बाकी है. ऐसे में अन्य आरोपियों के खिलाफ भी जांच लंबित रखी है. चालान में कहा कि आरोपियों के खिलाफ पीसी एक्ट व आईपीसी की धाराओं के तहत अपराध प्रमाणित पाए गए हैं. इसके साथ ही बोर्ड के दोनों निलंबित सदस्यों के खिलाफ अभियोजन स्वीकृति के लिए प्रस्ताव भेजा गया है और वहां से स्वीकृति मिलते ही कोर्ट में पेश कर दी जाएगी. एसीबी ने कहा कि आरोपी एक दूसरे से व्हाट्सअप कॉलिंग के जरिए बातचीत करते थे.

वहीं टेलीफोन के जरिए की गई बातचीत में कई जगह पर इस संबंध में वार्ताएं करने की जानकारी है. इससे साबित है कि आरोपियों से जो नगदी व दस्तावेज बरामद हुए हैं, उनसे कई गुणा ज्यादा भ्रष्टाचार बोर्ड में हुआ है. दोनों आरोपियों द्वारा नियमों के विपरीत जाकर रेवेन्यू बोर्ड के पोर्टल पर केसों के स्टेटस में भी बदलाव किया जाता था और रिजर्व फैसलों को रोके रखा जाता था. ताकि पक्षकारों से रिश्वत के संबंध में बातचीत की जा सके.

ABOUT THE AUTHOR

...view details