जयपुर.राजस्थान में इस बार चार विधानसभाओं के पांच निकाय ऐसे भी थे जहां विधायकों के निधन के चलते उपचुनाव होना है. ऐसे में इन चुनाव को विधानसभा उपचुनाव का सेमीफाइनल माना जा रहा था. दोनों पार्टियों को उम्मीद थी कि वह इस सेमीफाइनल में जीत दर्ज करेंगी, लेकिन इन चार विधानसभाओं में हुए 5 निकाय चुनाव में दोनों ही पार्टियों के हाथ में निराशा तो हाथ लगी ही है, इसके साथ ही इन नतीजों ने दोनों पार्टियों को बुरी तरीके से कंफ्यूज कर दिया है.
जिस राजसमंद में पहले भाजपा की विधायक किरण माहेश्वरी थीं और जिसे भाजपा अपना गढ़ मानकर चलती है, वहां कांग्रेस का बोर्ड बन गया है. इसी तरीके से जिस सहाड़ा के गुलाबपुरा नगर निकाय में पहले बोर्ड भी कांग्रेस का था और विधायक भी कांग्रेस के कैलाश त्रिवेदी थे, अब वहां भाजपा का कब्जा हो गया है. इन दो सीटों पर जहां कांग्रेस की वहां भाजपा आ गई और जहां भाजपा थी वहां कांग्रेस आ गई तो ऐसे में दोनों ही पार्टियों को जनता ने कंफ्यूज कर दिया है. वहीं, बाकी बची दो विधानसभा सुजानगढ़ और वल्लभनगर सीट पर तो जनता ने ना कांग्रेस को जीताया ना भाजपा को, बल्कि सत्ता की चाबी निर्दलीयों के हाथ में दे दी है.
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ऐसे में निर्दलीय ही तय करेंगे कि निकाय में किसकी सरकार बनेगी. यहां तक कि भिंडर में तो जनता ने निर्दलीयों को पूर्ण बहुमत दिलवा दिया है और यह नतीजे पूरी तरीके से सत्ताधारी दल कांग्रेस के लिए चिंता का सबब है, क्योंकि सुजानगढ़ और वल्लभनगर में कांग्रेस के विधायक थे जिनका निधन हो गया. सत्ताधारी दल कांग्रेस के लिए यह चुनौती ज्यादा बड़ी है, क्योंकि एक तो वह सत्ताधारी दल है और दूसरा इन 4 में से 3 सीटों पर उसका कब्जा था. ऐसे में कांग्रेस पार्टी को उपचुनाव के लिए दोबारा से रणनीति तैयार करनी होगी.
इन तीन कांग्रेस विधायकों का हुआ निधन...
मास्टर भंवरलाल मेघवाल : पूर्व मंत्री मास्टर भंवरलाल मेघवाल की विधानसभा सीट सुजानगढ़ में सुजानगढ़ नगर नगर परिषद और बिदासर नगर पालिका में चुनाव हुए, लेकिन मास्टर भंवरलाल मेघवाल का निधन हो चुका है. ऐसे में कांग्रेस पार्टी के लिए यह उपचुनाव का सेमीफाइनल था, लेकिन इस सेमीफाइनल में कांग्रेस पार्टी पिछड़ती हुई दिखाई दे रही है.