जयपुर. ईटीवी भारत टीम ने प्रदेश भाजपा की ओर से जारी किए गए हेल्पलाइन नंबर पर फोन कॉल किए और कुछ पीड़ित लोगों के लिए मदद भी मांगी. पहले फोन कॉल्स पर जयपुर निवासी इंदिरा देवी शर्मा के लिए किसी सरकारी अस्पताल में ऑक्सीजन बेड की मदद मांगी गई. हेल्पलाइन नंबर पर मौजूद बीजेपी टीम के सदस्य ने मरीज से जुड़ी तमाम जानकारी लेने के बाद जयपुर में सरकारी अस्पताल पर खाली ऑक्सीजन बेड की जानकारी जुटाकर संबंधित पीड़ित व्यक्ति के अटेंडेंट को जानकारी देने की बात कही.
बीजेपी हेल्पलाइन नंबर Reality Check, Part-1 बकायदा अटेंडेंट के रूप में इंदिरा देवी शर्मा की पुत्री के नंबर भी उन्हें दिए गए. वहीं, एक और पीड़ित व्यक्ति रामजी लाल शर्मा जो जयपुर के कानड़वास निवासी हैं, उनके लिए भी बीजेपी हेल्पलाइन नंबर पर फोन करके ऑक्सीजन बेड की मदद मांगी गई. क्योंकि प्राइवेट अस्पताल में लगने वाले खर्चा हर व्यक्ति वहन नहीं कर सकता. लिहाजा सरकारी अस्पताल के अन्य किसी संस्था के जरिए मदद मांगी गई. बीजेपी हेल्पलाइन नंबर पर मौजूद भाजपा नेता ने संबंधित मरीज से जुड़ी पूरी डिटेल एकत्रित की, साथ ही मरीज के अटेंडेंट का कांटेक्ट नंबर लिया और ऑक्सीजन युक्त बेड की व्यवस्था होने पर अटेंडेंट को इसकी सूचना देने की बात कही. दोनों ही फोन कॉल्स सोमवार को किए गए थे, लेकिन मंगलवार दोपहर तक पीड़ित मरीजों को कोई मदद नहीं मिल पाई और न ही बीजेपी हेल्पलाइन पर जो अटेंडेंट के कांटेक्ट नंबर लिए गए थे, उनके पास कोई फोन नहीं आया.
हेल्पलाइन पर चिकित्सक मौजूद, अच्छी तरह दिया परामर्श...
बीजेपी हेल्पलाइन पर अस्पताल की व्यवस्था के साथ ही चिकित्सकों से परामर्श की सुविधा भी है, इसका उपयोग भी रियलिटी चैक करने के लिए किया गया ईटीवी भारत संवाददाता ने जब हेल्पलाइन पर फोन कर चिकित्सक परामर्श चाहा तो फोन कॉल पर मौजूद डॉक्टर माधव सिंह ने मरीज के मौजूदा स्वास्थ्य की जानकारी हासिल की और संबंधित उपचार को लेकर पूरी जानकारी भी दी. साथ ही किस प्रकार की एतिहात बरतनी है उसकी भी जानकारी दी. मतलब चिकित्सक परामर्श को लेकर जो फोन कॉल किया गया वह पूरी तरह संतुष्टि पूर्वक था और बेहतर रेस्पॉन्स भी मिला.
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अस्पताल में बेड ऑक्सीजन नहीं मिल पाने का यह भी एक कारण हो सकता है...
भाजपा राजस्थान में विपक्ष की भूमिका में है और हेल्पलाइन नंबर के जरिए हजारों लोगों की मदद का दावा भी किया जा रहा है. लेकिन भाजपा के नेता यह भी कहते हैं कि जो फोन कॉल्स आ रहे हैं उनमें से अधिकतर अस्पतालों में बेड,ऑक्सीजन, रेमडेसिविर इंजेक्शन आदि को लेकर है. लेकिन मौजूदा हालातों में अस्पतालों में बेड की उपलब्धता और ऑक्सीजन की उपलब्धता नहीं के बराबर है. ऐसे में भाजपा हेल्पलाइन में जो मामले दर्ज हो रहे हैं, उनमें अस्पतालों में बेड ऑक्सीजन उपलब्ध कराने की मदद संभवत: कम ही पूरी हो पा रही होगी. क्योंकि सरकारी अस्पतालों में स्थितियां सही नहीं है. लेकिन मदद नहीं कर पाने की स्थिति में भी यदि हेल्पलाइन में दर्ज मामलों में दोबारा फोन कॉल्स करके पीड़ित व्यक्ति से स्थिति जान ली जाए तो कम से कम फोन करने वाले पीड़ित व्यक्ति को इस बात का एहसास हो जाता है कि फोन कॉल्स करने पर भाजपा हेल्पलाइन में मौजूद लोगों ने मदद के लिए प्रयास तो किया, लेकिन बीजेपी हेल्पलाइन पर जिन दो कोविड-19 मरीजों के ऑक्सीजन बेड की मदद मांगी गई उनके अटेंडेंस के पास भाजपा हेल्पलाइन या संबंधित टीम के सदस्यों की ओर से कोई फोन कॉल नहीं आया.
बीजेपी हेल्पलाइन नंबर Reality Check, Part-2 Twitter के जरिए भी मदद मांगने और देने का चल रहा कार्यक्रम...
भाजपा ने कोविड-19 मरीजों और पीड़ितों की मदद के लिए हेल्पलाइन नंबर तो शुरू किया है, साथ ही ट्विटर पर भी इस प्रकार की मदद को लेकर भाजपा के नेता दावा कर रहे हैं. कई ट्वीट मदद के लिए भाजपा नेताओं को टैग किए गए और मदद होने पर धन्यवाद दिया जा रहा है. खासतौर पर बीजेपी युवा मोर्चा द्वारा पीड़ितों को प्लाज्मा डोनेट किए जाने को लेकर ट्विटर पर बहुत कुछ काम चल रहा है. फिलहाल इसका रियलिटी चैक किया जाना अभी बाकी है.
महामारी के दौर में भाजपा का ये प्रयास माना जा सकता है सराहनीय, बस ईमानदारी से हो सेवाकार्य...
राजस्थानी भाजपा विपक्ष की भूमिका में है और महामारी के इस दौर में लोगों को मदद पहुंचाने के लिए किया जा रहा बीजेपी का यह कार्य सराहनीय माना जा सकता है, बशर्ते इसमें तैनात भाजपा नेता और कार्यकर्ता बिना सियासी फायदे व नुकसान के इमानदारी से लोगों की मदद करें. कई मामलों में मदद की भी जा रही है जिससे इनकार नहीं किया जा सकता तो कुछ मामला में मदद का आश्वासन मिल रहा है. संभवता मदद के लिए भाजपा के नेता और कार्यकर्ता अपने स्तर पर प्रयास कर भी रहे होंगे, लेकिन कुछ मामलों में मौजूदा हालातों में चाह कर भी मदद उपलब्ध करा पाना शायद उनके बस की बात न हो. लेकिन मदद के प्रयास लगातार होना भी मौजूदा स्थिति में सकारात्मक ही माना जाएगा.