जयपुर. रेजीडेंट चिकित्सक सरकार की बॉन्ड नीति के विरोध में उतर गए हैंं. रेजीडेंट डॉक्टर्स और सरकार के बीच देर रात तक चली वार्ता विफल होने के बाद शनिवार को भी एसएमएस मेडिकल कॉलेज और इससे सम्बद्ध अस्पतालों में रेजिडेंट का कार्य बहिष्कार जारी (Resident Doctors Boycott Work) है. रेजिडेंट डॉक्टर्स की बातचीत चिकित्सा शिक्षा सचिव वैभव गालरिया के साथ हुई, लेकिन यह बातचीत बेनतीजा रही.
प्रतिनिधियों ने बताया कि बॉन्ड पॉलिसी को लेकर विसंगतियों को दूर नहीं किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि बॉन्ड नीति में छूट देने की मांग हम लोग कर रहे हैं. ऐसे में एक बार फिर आज सरकार और रेजिडेंट चिकित्सकों की बातचीत होगी. पिछले 3 दिनों से जहां सिर्फ एसएमएस मेडिकल कॉलेज से जुड़े रेजिडेंट चिकित्सक ही कार्य बहिष्कार के लिए चले गए थे तो वहीं अब प्रदेश के अन्य मेडिकल कॉलेज के रेजिडेंट चिकित्सकों (Protest of government bond policy in Jaipur) ने भी कार्य बहिष्कार का ऐलान कर दिया है.
पढ़ें:रेजिडेंट्स जा सकते हैं अनिश्चितकालीन हड़ताल पर, सरकार की बॉन्ड नीति पर उठे सवाल
बॉन्ड में सुधार की जरूरत: सरकार की बॉन्ड नीति के विरोध में एसएमएस मेडिकल कॉलेज और इनसे जुड़े अस्पतालों में चिकित्सक संपूर्ण कार्य बहिष्कार पर चले गए हैं. हालांकि इस दौरान इमरजेंसी, ट्रॉमा सेवाओं को दूर रखा गया है. जयपुर एसोसिएशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स का कहना है कि बॉन्ड नीति में कई खामियां हैं, जिन्हें दूर किया जाए. वर्ष 2013-14 में चिकित्सा शिक्षा विभाग ने रेजिडेंट चिकित्सकों की बॉन्ड नीति जारी की थी. जिसके तहत पीजी होने के पश्चात चिकित्सक को कुछ वर्ष सरकारी सेवा में नौकरी देनी होगी या फिर 25 लाख का बॉन्ड भरना होगा. प्रदेशभर के रेजीडेंट चिकित्सक अब इस नीति के विरोध में उतर गए हैं. रेजीडेंट चिकित्सकों का कहना है कि हम बॉन्ड भरने को तैयार हैं, लेकिन बॉन्ड नीति अत्यंत जल्दबाजी में जारी की गई है और इसमें सुधार की जरूरत है. इस नीति के कारण रेजिडेंट चिकित्सकों को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है.