जयपुर: नीट पीजी काउंसलिंग में देरी (Delay IN NEET PG Counselling) के कारण देशभर के रेजिडेंट चिकित्सकों में लगातार आक्रोश (Annoyed Resident Doctors) बढ़ता जा रहा है. रेजिडेंट चिकित्सकों का कहना है कि काउंसलिंग न होने के कारण उन पर लगातार काम का बोझ बढ़ रहा है (Delay is Affecting Resident Doctors) जिसके कारण रेजिडेंट चिकित्सक तनाव और अवसाद में आ रहे हैं.
रेजिडेंट चिकित्सकों का कहना है कि काउंसलिंग को लेकर कोर्ट सिर्फ तारीख पर तारीख दे रहा है. ऐसे में केंद्र सरकार मामले को गंभीरता से नहीं ले रही है जिसके चलते देशभर के रेजिडेंट चिकित्सकों ने हड़ताल तक की चेतावनी (Nationwide Strike Warning By Doctors) दे दी है. ऐसे में देश भर के रेजिडेंट चिकित्सकों के साथ-साथ अब राजस्थान के रेजीडेंट चिकित्सक (Resident Doctors From Rajasthan) भी आंदोलन के समर्थन में उतर गए हैं.
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चरणबद्ध तरीके से प्रदर्शन
चरणबद्ध तरीके से विरोध प्रदर्शन करने का ऐलान राजस्थान के रेजिडेंट चिकित्सकों ने किया है. जिसके तहत सभी मेडिकल कॉलेज में कैंडल मार्च निकाले जाएंगे. जयपुर एसोसिएशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स (Jaipur Association Of Residents Doctors) के अध्यक्ष अमित यादव (Amit Yadav) ने इसकी जानकारी दी.
1000 की जरूरत लेकिन 600 से चलाया जा रहा काम
अमित बताते हैं कि काउंसलिंग में हो रही देरी (Delay IN NEET PG Counselling) के चलते नया बैच अस्पतालों में नहीं आ पा रहा है. ऐसे में जहां 1000 रेजिडेंट चिकित्सकों की अस्पतालों में जरूरत है तो वहां सिर्फ 600 रेजिडेंट ही काम कर रहे हैं. बाकी 400 रेजिडेंट का कार्य भी मौजूदा रेजिडेंट चिकित्सक ही कर रहे हैं. ऐसे में चिकित्सकों में लगातार काम का बोझ बढ़ रहा है.
अपनी मांगों को लेकर रेजिडेंट चिकित्सकों की ओर से 27 नवंबर को राज्यपाल के यहां कैंडल मार्च निकाला जाएगा. इसके बाद 28 नवंबर से ओपीडी का बहिष्कार होगा. इस दौरान इमरजेंसी सेवाएं चालू रहेंगी और यदि इसके बाद भी मामले को लेकर कोई हस्तक्षेप सरकार नहीं करती है तो 29 नवंबर से प्रदेश भर में संपूर्ण कार्य बहिष्कार रेजिडेंट डॉक्टर्स करेंगे.