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RERA back in Action: कोरोना में बिल्डर्स और डेवलपर्स को दिया एक साल का ग्रेस, अब रेरा करेगा सख्ती - RERA strict on incomplete projects

रेरा (RERA) के नियमों की पालना नहीं करने वाले प्रोजेक्ट्स पर अब सख्ती की (RERA action against builders) जाएगी. पहले कोरोना के चलते बिल्डर्स को एक साल का ग्रेस पीरियड दिया गया था. अब हालात सुधरने पर रेरा ने नियम उल्लंघन करने वाले बिल्डर्स पर सख्ती का मन बनाया है.

RERA back in Action
कोरोना में बिल्डर्स और डेवलपर्स को दिया एक साल का ग्रेस, अब रेरा करेगा सख्ती

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Published : Apr 12, 2022, 5:00 PM IST

Updated : Apr 12, 2022, 6:48 PM IST

जयपुर. रेरा (RERA) के नियमों की पालना नहीं करना अब आवासीय प्रोजेक्ट्स को भारी पड़ेगा. रजिस्ट्रेशन कराने के बाद जो बिल्डर और डेवलपर नियम भूल गए और कंपलीशन सर्टिफिकेट नहीं देते हुए, निर्माण की हकीकत नहीं बताई है. ऐसे आवासीय प्रोजेक्ट्स को कोरोना के चलते एक साल ग्रेस दी गई थी, लेकिन रेरा की ओर से दोबारा सख्ती बरती (RERA strict on incomplete projects) जाएगी.

प्रदेश में लागू रियल एस्टेट रेगुलेशन एक्ट के मुताबिक रेगुलेटरी अथॉरिटी में पंजीयन के लिए जमा आवेदन पर प्रोजेक्ट पूरा होने की दर्शाई गई तारीख तक काम पूरा होना जरूरी है. लेकिन 400 से ज्यादा प्रोजेक्ट ऐसे थे, जिनके पूरा होने की अवधि खत्म हो चुकी थी. लेकिन संबंधित बिल्डर या डेवलपर ने प्रोजेक्ट की अवधि बढ़ाने के लिए ना तो अथॉरिटी में आवेदन किया और ना ही इन प्रोजेक्ट का कंपलीशन सर्टिफिकेट पेश किया. ऐसे में रेरा ने इन आवासीय प्रोजेक्ट्स को नोटिस दिए थे और उपयुक्त जवाब पेश नहीं होने पर बुकिंग और बिक्री पर रोक भी लगाई थी. रेरा ने स्पष्ट किया था कि बिल्डर फेल रहा, तो प्रोजेक्ट उससे टेकओवर कर थर्ड पार्टी के जरिए पूरा कराया जाएगा. इसका उदाहरण जयपुर में अरावली गार्डन और हाइक पार्क है. अब रेरा इसी तरह की सख्ती करेगा.

कोरोना में बिल्डर्स और डेवलपर्स को दिया एक साल का ग्रेस, अब रेरा करेगा सख्ती

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इस संबंध में रेरा अध्यक्ष एनसी गोयल ने बताया कि बिल्डर और बायर्स दोनों की रेरा एक्ट के प्रति जागरूकता बढ़ी है. और साल दर साल वायलेशन की संख्या की घट रही है. लेकिन बायर्स के साथ यदि कोई धोखाधड़ी होती है, तो रेरा उनकी मदद के लिए तैयार है. उन्होंने बताया कि करीब 400 प्रोजेक्ट्स को नोटिस दिए थे. इन्हें कोरोना के नाम पर 1 साल का ग्रेस भी दिया गया. इस दौरान बहुत से बिल्डर्स और डेवलपर्स ने प्रोजेक्ट कंप्लीट कर लिए या फिर उपयुक्त समस्या बताते हुए एक्सटेंशन करा लिया है. अब काफी कम केस बचे हैं. जिनका रेरा कोर्ट को फैसला करना है. इनमें से जो बिल्डर या डेवलपर कॉपरेट नहीं करेगा, नोटिस का जवाब नहीं देगा, रेरा के सामने उपस्थित नहीं होगा, उन पर अब सख्ती की जाएगी.

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वहीं हाल ही में राजस्थान रेरा ने अपने कानून को स्पष्ट करते हुए आदेश जारी किए हैं कि यदि बिल्डर ने अपने प्रोजेक्ट में 8 से ज्यादा फ्लैट बनाए हैं, तो रेरा में पंजीकृत कराना अनिवार्य होगा. फिर चाहे प्लॉट साइज 500 वर्ग मीटर से छोटा ही क्यों ना हो. आपको बता दें कि कुछ बिल्डर कानून की भाषा का फायदा उठाकर 500 वर्ग मीटर से छोटे प्लाट्स पर बने प्रोजेक्ट को रेरा में पंजीकृत नहीं करा रहे थे. रेरा ने अब ऐसे बिल्डरों पर शिकंजा कस दिया है और इन बिल्डरों को अब रेरा में पंजीकरण भी कराना होगा.

Last Updated : Apr 12, 2022, 6:48 PM IST

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