जयपुर. ऐसे अधूरे प्रोजेक्ट जिन्होंने अब तक एक्सटेंशन नहीं लिया है या फिर जिनका मैप रिवीजन होना है, उन्हें राजस्थान रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी ने एक और मौका दिया है. रेरा ने प्रदेश के 54 प्रोजेक्ट के मैप रिवीजन और एक्सटेंशन के लिए 12 और 13 जुलाई को शिविर आयोजित किया है. साथ ही ये भी स्पष्ट कर दिया है कि यदि कैंप में प्रमोटर्स नहीं पहुंचेंगे तो रिजेक्शन की कार्रवाई की जाएगी.
राजस्थान रेरा ने बीते डेढ़ साल में अपनी सभी सेवाएं ऑनलाइन कर दी हैं. आईटी और डिजिटलाइजेशन पर काफी काम हुआ है, जिसकी वजह से प्रोजेक्ट रजिस्ट्रेशन से लेकर एक्सटेंशन, मैप रिवीजन और अन्य सर्विसेज सभी ऑनलाइन उपलब्ध हैं. बावजूद इसके कुछ लोग इसका फायदा नहीं उठा पाते हैं जिसकी वजह से पेंडेंसी हो जाती है.
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12 और 13 जुलाई को रेरा 2 दिन का कैंप लगा रहा है. जिन प्रोजेक्ट के ऑनलाइन एप्लीकेशन पेंडिंग है, प्रमोटर्स ने यदि सही सूचनाएं नहीं दी हैं, या वो समझ नहीं पाए हैं, उन सब के लिए कैंप लगाया जा रहा है. प्रदेशभर के 54 प्रोजेक्ट इन कैंपों में निस्तारित किये जाएंगे. इसमें प्रमोटर्स को गाइड किया जाएगा.
प्रदेशभर के वो प्रोजेक्ट जो समय पर पूरे नहीं हुए और उनके द्वारा एक्सटेंशन भी नहीं लिया गया, न ही कंपलीशन सर्टिफिकेट लिया गया, रेरा की ओर से ऐसे 355 प्रोजेक्ट डेवलपर्स को नोटिस भी दिए गए हैं. नोटिस में चेतावनी दी गई कि क्यों न रेरा उनके प्रोजेक्ट्स को अधिग्रहित कर थर्ड पार्टी को कंप्लीट करने के लिए दे. ऐसे प्रकरणों की फिलहाल कोर्ट में सुनवाई चल रही है. इन मामलों में अधिकांश ने एक्सटेंशन ले लिया है और जिन्होंने अभी भी एक्सटेंशन नहीं लिया है, उनके प्रोजेक्ट्स को रेरा कब्जे में लेकर नया डेवलपर सर्च कर उससे प्रोजेक्ट पूरा कराएगा.
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रेरा प्रमुख एनसी गोयल ने स्पष्ट किया कि थर्ड पार्टी से प्रोजेक्ट कंप्लीट कराने की प्रक्रिया में राज्य सरकार से भी अनुमोदन लेना होता है. कुछ प्रकरण इस प्रक्रिया में विचाराधीन हैं. जयपुर के दुर्गापुरा स्थित हाइक पार्क का प्रकरण भी अभी विचाराधीन हैं. हालांकि ये पहला प्रोजेक्ट है, जिसके लिए थर्ड पार्टी से काम करवाने का निर्णय लेकर अनुशंसा के लिए राज्य सरकार को भेजा गया हो. इसी आदेश में प्रवर्तन निदेशालय ने स्पेशल कोर्ट के आदेशों का हवाला देते हुए अधूरा निर्माण थर्ड पार्टी से नहीं कराया जाना संलग्न किया है.