जयपुर.कुछ दिनों पहलेकोतवाली थाना पुलिस ने रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश कर बरामद इंजेक्शनों को जांच के लिए लैब भेजा था. लैब से जो जांच रिपोर्ट आई है वो चौंकाने वाली है. बरामद इंजेक्शन नकली पाए गए हैं.
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डीसीपी नॉर्थ परिस देशमुख ने बताया की 21 अप्रैल को कोतवाली थाना पुलिस ने रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी करने के जुर्म में फिल्म कॉलोनी से रामावतार को गिरफ्तार किया था. रामावतार की निशानदेही पर उसके दो अन्य साथी शंकर दयाल और विक्रम सिंह को भी पुलिस ने गिरफ्तार किया. आरोपियों ने रेमडेसिविर इंजेक्शन दिल्ली एनसीआर के एक डॉ. जितेश अरोड़ा से खरीद कर लाने की बात कुबूली.
पुलिस ने 28 मई को फरीदाबाद से गैंग के सरगना डॉ. जितेश अरोड़ा को गिरफ्तार किया. आरोपी ने पूछताछ में बताया कि जयपुर में 1000 रेमडेसिविर इंजेक्शन सप्लाई किए गए हैं. गैंग से बरामद किए गए इंजेक्शनों को पुलिस ने जांच के लिए लैब में भेजा. जिसकी रिपोर्ट 16 जून को आई. जांच में इंजेक्शन नकली निकले. आरोपियों ने मजबूरी का फायदा उठाकर नकली इंजेक्शन 25-25 हजार रुपये में लोगों के बेचे. इंजेक्शन की शीशी पर ना कोई मानक चिन्ह था और ना ही निर्माण की जगह, तारीख के संबंध में कोई जानकारी लिखी हुई थी. फिलहाल पुलिस गैंग के सदस्यों से पूछताछ कर जानकारी जुटा रही है कि जयपुर में किन-किन लोगों को इंजेक्शन सप्लाई किए गए.