जयपुर. कोरोना काल में भगवान ने भी अपने भक्तों से पिछले कुछ महीनों से दूर बना ली थी. लेकिन अब भगवान और भक्त के बीच की ये दूरियां महज कुछ दिनों की ही मेहमान हैं. जी हां, राजस्थान में कोरोना के चलते लॉक हुए धर्म स्थल फिर से अनलॉक होंगे. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सीएम आवास पर हुई कोरोना समीक्षा बैठक में ये बड़ा फैसला लिया है. कोरोना संकट काल में धार्मिक स्थलों पर भक्तों को मास्क लगाना, सोशल डिस्टेंसिंग का पालना करना अनिवार्य होगा. साथ ही समय-समय पर धार्मिक स्थलों को सैनिटाइज भी करना होगा.
धार्मिक स्थलों के खुलने पर असमंजस बरकरार ऐसे में प्रथम पूज्य मोतीडूंगरी गणेशजी मंदिर के महंत कैलाश शर्मा ने सरकार के इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि, कोरोना काल में सबका स्वास्थ्य सर्वोपरि है. ऐसे में कोरोना गाइडलाइंस को लेकर सोशल डिस्टेंसिंग के साथ मंदिर में भक्तों के प्रवेश के लिए हॉल बॉक्स बनाए गए हैं. साथ ही सैनिटाइजेशन के लिए जगह-जगह ऑटोमेटिक टनल लगाए जाएंगे. जिसमें सैनिटाइजर अल्कोहल के बजाय सिल्वर नॉन आर्टिकल से बना होगा.
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वहीं दर्शन के साथ भक्त प्रसाद नहीं चढ़ा सकते. एक भक्त को मंदिर के अंदर 30 सेकेंड तक रुकने दिया जाएगा. ऐसे में सुबह 5 बजे से रात 9 बजे तक करीब 20 हजार श्रद्धालुओं को विभिन्न झांकियों के दर्शन करवा सकते हैं. इसके अलावा बुजुर्गों और छोटे बच्चों को मंदिर में दर्शन करने की मनाही है. साथ ही भक्तों की संख्या में कटौती ही होगी. यदि फिर भी भक्तों की संख्या बढ़ती है तो आधा मिनट के बजाय एक भक्त के दर्शन करने का समय 15 सेकेंड कर दिया जाएगा.
30 सितंबर तक गोविंद देवजी का दरबार रहेगा बंद
राज्य सरकार ने भले ही लोगों के लिए धार्मिकस्थलों को खोलने का निर्देश दिया हो, लेकिन जयपुर के लोगों के लिए उनके आराध्य देव गोविंददेवजी दर्शनों के लिए अभी भी उन्हें और इंतजार करना पड़ेगा. ठाकुरजी का दरबार भक्तों के लिए 30 सितंबर तक बंद रहेगा. मंदिर प्रबंधन ने जयपुर में बढ़ते कोरोना के मामलों को देखते हुए ये फैसला किया है. मंदिर प्रशासन ने यह साफ कर दिया कि यदि कोरोना के केस बढ़ते हैं, तो इस अवधि को ओर बढ़ाया जा सकता है. लेकिन इस तस्वीर को साफ करें तो जाहिर है मंदिर प्रबंधन ने कोविड-19 गाइडलाइंस की पालन को लेकर हाथ खड़े कर दिए हैं.
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मंदिर के प्रवक्ता मानस गोस्वामी ने कहा कि ठाकुरजी के मंदिर में नित्य इतने श्रदालु दर्शन करने आते हैं कि यहां पर सोशल डिस्टेंसिंग बनाये रखना और अन्य दिशा-निर्देशों का पालन करना संभव नहीं हो सकता. अगर मंदिर खुलने के बाद कोई भी मंदिर सेवागीर कोविड-19 पॉजिटिव निकलता है तो मंदिर की सेवा पूजा बाधित नहीं होनी चाहिए और ना ही कोई हस्तक्षेप होगा.
हज वेलफेयर सोसायटी ने किया फैसले का स्वागत
इसके अलावा राजस्थान हज वेलफेयर सोसायटी सहित अन्य मुस्लिम संस्थाओं ने भी राज्य सरकार के फैसले का स्वागत किया है. चीफ काजी खालिद उस्मानी ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा धर्मस्थलों में लोगों को इबादत करने की इजाजत मिली है, उसका स्वागत करते हैं. साथ ही धर्मस्थलों पर ज्यादा भीड़भाड़ नहीं करनी है. जबकि राज्य सरकार द्वारा दिए गए दिशा निर्देश हैं, उसी के अनुसार इबादत करें. साथ ही कोरोना गाइडलाइंस की भी पालना करनी है.
वहीं राजापार्क गुरुद्वारे के संयोजक जगजीत सिंह सूरी का कहना है कि काफी लंबे समय से कोरोना के चलते धर्म स्थल बंद थे. ऐसे में अब बड़ी श्रद्धा के साथ लोगों में दर्शन करने का बड़ा उत्साह है. इसको ध्यान में रखते हुए सभी गुरुद्वारों में कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए नियमो का पालन करें और ज्यादा समय गुरुद्वारों में ना रुककर मथा टेक अपने घर की ओर वापस जाएं.