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Relief for farmer in electricity bill: बिना ब्याज और पेनल्टी के 6 द्विमासिक किश्तों में जमा करा सकेंगे बकाया बिजली बिल - Pay electricity bill in Installments

राज्य सरकार ने किसानों के हित में यह निर्णय लिया है कि विद्युत बिल की अत्यधिक बकाया राशि वाले नियमित व कटे हुए कृषि विद्युत कनेक्शनों के उपभोक्ता 30 नवम्बर, 2021 तक की बिल की बकाया राशि बिना ब्याज व पेनल्टी के 6 द्विमासिक किश्तों में जमा (Pay electricity bill in Installments) करा सकेगें. इसके लिए उपभोक्ता को 31 मार्च, 2022 तक सम्बन्धित सहायक अभियन्ता कार्यालय में आवेदन करना होगा.

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किश्तों में जमा करा सकेंगे बकाया बिजली बिल

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Published : Dec 25, 2021, 11:11 PM IST

जयपुर. प्रदेश के किसानों के लिए राहत भरी खबर है. सरकार ने घोषणा की है कि कृषि विद्युत कनेक्शनों के उपभोक्ता 30 नवम्बर, 2021 तक की विद्युत बिल की बकाया राशि बिना ब्याज व पेनल्टी के 6 द्विमासिक किश्तों में जमा करा सकेगें. साथ ही समय पर किश्तें चुकाने वाले उपभोक्ताओं को हर महीने हजार रुपए का अनुदान दिया जाएगा.

ऊर्जा मंत्री भवंर सिंह भाटी ने बताया कि राज्य सरकार ने किसानों के हित में यह निर्णय लिया है कि विद्युत बिल की अत्यधिक बकाया राशि वाले नियमित व कटे हुए कृषि विद्युत कनेक्शनों के उपभोक्ता 30 नवम्बर, 2021 तक की बिल की बकाया राशि बिना ब्याज व पेनल्टी के 6 द्विमासिक किश्तों में जमा करा सकेगें. इसके लिए उपभोक्ता को 31 मार्च, 2022 तक सम्बन्धित सहायक अभियन्ता कार्यालय में आवेदन करना होगा. इसके साथ ही यह भी निर्णय लिया है कि सामान्य श्रेणी ग्रामीण कृषि उपभोक्ता, जिन्होंने इस योजना का लाभ लिया है एवं समय पर किश्तों का भुगतान कर रहे हैं, उन्हें मुख्यमंत्री किसान मित्र ऊर्जा योजना (mukhyamantri kisan mitra urja yojana) में प्रतिमाह 1000 रुपए अतिरिक्त अनुदान दिया जाएगा.

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भाटी ने बताया कि कृषि मीटर्ड श्रेणी उपभोक्ता जिनके मीटर सही हैं और सतर्कता जांच के दौरान सम्बद्ध भार स्वीकृत भार से अधिक पाया जाता है, तो ऐसे प्रकरणों मे कोई सतर्कता जांच प्रतिवेदन तैयार नहीं किया जाएगा और बढ़े हुए भार को नियमितिकरण शुल्क लेकर नियमित कर दिया जाएगा. कृषि उपभोक्ताओं के विद्युत चोरी के प्रकरण में उपभोक्ता द्वारा वैधानिक दायित्व राशि की 10 प्रतिशत एवं सम्पूर्ण प्रशमन राशि जमा करवा दी जाती है, तो उसके विद्युत सम्बन्ध को पुर्नस्थापित कर दिया जाएगा और प्रकरण को राजस्व निर्धारण पुनरीक्षण समिति में ले लिया जाएगा. इसके साथ ही यह भी प्रावधान किया गया है कि यदि कृषि उपभोक्ता वैधानिक दायित्व राशि की 50 प्रतिशत व सम्पूर्ण प्रशमन राशि जमा करवा देता है, तो सतर्कता जांच प्रतिवेदन का सहायक अभियन्ता के स्तर पर पूर्ण निस्तारण कर दिया जाएगा.

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वर्तमान में कृषि उपभोक्ताओं के बिजली चोरी के प्रकरणों में वैधानिक दायित्व राशि का आंकलन विनियामक आयोग द्वारा सम्बन्धित कृषि श्रेणी की अनुमोदित सम्पूर्ण टैरिफ, जो कि वर्तमान में सामान्य श्रेणी के कृषि उपभोक्ताओं के लिए 5.55 रुपए प्रति यूनिट है, के अनुसार किया जाता है. अब यह निर्णय लिया गया है कि ऐसे मामलों में वैधानिक दायित्व राशि का आंकलन कृषि उपभोक्ताओं द्वारा देय अनुदानित दर वर्तमान में सामान्य कृषि श्रेणी के उपभोक्ताओं के लिए 0.90 पैसे प्रति यूनिट के अनुसार किया जाएगा.

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ऊर्जा मंत्री ने बताया कि सामान की अनुपलब्धता के कारण कनेक्शनों में होने वाले विलम्ब को देखते हुए एक और महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है, जिसके तहत बूंद-बूंद, फव्वारा, डिग्गी योजना के विद्युत कनेक्शन के लिए आवेदक स्वयं के स्तर पर निगम द्वारा अनुमोदित व विद्युत निरीक्षक द्वारा अधिकृत लाईसेन्सधारी के माध्यम से कार्य करवा सकता है. आवेदक को तकमीना अनुसार 5 प्रतिशत सुपरविजन राशि का मांग पत्र जारी किया जाएगा और आवेदक द्वारा आवश्यक सामग्री स्वयं के स्तर पर निगम के मापदण्डों के अनुरुप उपलब्ध एवं स्थापित करवाई जाएगी.

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