जयपुर. प्रदेश भर में 2 दिन चली रीट भर्ती परीक्षा (REET-2022) रविवार को संपन्न हुई. राजधानी जयपुर में पहले चरण में हुई लेवल-1 की परीक्षा में बारिश की वजह से जहां उपस्थिति 65.05% रही थी, वहीं लेवल-2 के तीन चरणों में हुए एग्जाम में शनिवार को दूसरी पारी में 81.39%, रविवार को पहली पारी में 90.87% और दूसरी पारी में 80.52% उपस्थिति रही. रीट लेवल-2 की परीक्षा संपन्न होने के साथ ही प्रशासन और सरकार ने भी राहत की सांस ली. वहीं एग्जाम पेपर नहीं मिलने की वजह से अभ्यर्थी सेल्फ एनालाइज नहीं कर पाएंगे. ईटीवी भारत ने लेवल-2 के विभिन्न विषयों को एनालाइज करने वाले विशेषज्ञों से रीट को लेकर बातचीत की...
मनोविज्ञान के प्रश्नों का स्तर लेवल-2 में बेहतर
रीट लेवल-2 के रविवार (experts opinion on reet level 2) को दोनों पारियों में हुए एग्जाम को लेकर हिंदी और संस्कृत विषय विशेषज्ञ डॉ. मानव शर्मा ने बताया कि मनोविज्ञान के सवालों का स्तर लेवल-1 की तुलना में लेवल- 2 में ज्यादा बेहतर था. इसका कारण उन्होंने एग्जाम में शामिल अभ्यर्थियों की संख्या को देखते हुए बताया. वहीं हिंदी विषय को लेकर उन्होंने बताया कि टीचिंग मेथड के 8 से 9 प्रश्न रहे, जबकि व्याकरण के 21 से 22 प्रश्न रहे जो लगभग लेवल-2 के सेट पैटर्न के अनुसार ही थे.
लेवल 2 पेपर में भी राजस्थानी भाषा के शब्दों को दूर रखा
लेवल-2 के पेपर से भी राजस्थानी भाषा के शब्दों को दूर रखा गया. उन्होंने कहा कि एक नया टॉपिक सिलेबस में जोड़ा गया था. उसमें से कोई प्रश्न नहीं आना दुख की बात है क्योंकि इस पर भी अभ्यर्थियों ने अपना समय और ध्यान दोनों लगाया होगा. इसी तरह पदबंध भी पेपर से नदारद रहा जबकि काल, संधि, समास और खासकर क्रिया में से काफी प्रश्न बने. हिंदी के दृष्टिकोण से देखा जाए तो पेपर एक सामान्य अभ्यर्थी के लिए तैयार किया गया था. जबकि संस्कृत में टीचिंग मेथड कम पूछा गया. फिर भी कहा जा सकता है कि 70% अभ्यर्थी इसे क्वालीफाई कर पाएंगे और जिस अभ्यर्थी ने एवरेज पढ़ाई की है वो 100 अंक को क्रॉस कर पाएंगे.
सामाजिक विज्ञान का स्तर कुछ कठिन
एग्जाम में सब्जेक्टिव चुनने वाले गणित-विज्ञान और सामाजिक विज्ञान में अभ्यर्थियों से मिले फीडबैक के अनुसार सामाजिक विज्ञान का स्तर कठिन रहा. इस संबंध में एनालाइज करने वाले सामाजिक विज्ञान विषय विशेषज्ञ अमित मिश्रा ने बताया कि शनिवार को हुए एग्जाम की तुलना में रविवार के प्रश्न पत्र में हिस्ट्री के सवाल कठिन रहे. इस बार मॉडर्न इंडिया के बजाय प्राचीन और मध्यकालीन इतिहास से प्रश्न पूछे गए. पेपर में चोल और चालुक्य वंश पूछा गया.