जयपुर. पहले रीट परीक्षा लेवल-2 का सामाजिक अध्ययन का पेपर सोशल मीडिया पर वायरल हुआ. वहीं, अब बाल विकास एवं शिक्षाशास्त्र का पूरा खंड भी बाहर आया है. जबकि इस बार एग्जामिनेशन पेपर परीक्षा केंद्र पर ही जमा किए गए थे. सोशल मीडिया पर रीट भर्ती परीक्षा के एग्जाम पेपर वायरल होने से अब प्रशासन और सरकार पर सवाल उठाते हुए, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने सरकार से मामले में जांच की मांग करते हुए राजस्थान विश्वविद्यालय परिसर में प्रदर्शन (ABVP protest on paper out on social media) किया. पोद्दार स्कूल सेंटर से तीन ओएमआर शीट अलग से माध्यमिक शिक्षा बोर्ड को भेजी गई, इस मामले में भी जांच की मांग की जा रही है.
रीट भर्ती परीक्षा में गड़बड़ी और धांधली को रोकने के लिए प्रशासन ने परीक्षा केंद्र पर ही अभ्यर्थियों से प्रश्न पत्र वापस ले लिया था. इसके बावजूद प्रश्नपत्र वायरल होने से परीक्षा की पारदर्शिता पर फिर से सवाल खड़े हो गए हैं. राजस्थान विश्वविद्यालय में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे पेपर्स को लेकर प्रदर्शन किया और मामले के जांच की मांग की. एबीवीपी के राष्ट्रीय मंत्री हुशयार मीणा ने बताया कि रीट भर्ती परीक्षा में एग्जाम पेपर अभ्यर्थियों को बाहर ले जाना मना था. ये पेपर भी अंदर ही जमा किए गए. बावजूद इसके पहले सामाजिक अध्ययन और फिर बाल विकास एवं शिक्षाशास्त्र के खंड बाहर कैसे आए. सरकार इसकी जांच करे.
सोशल मीडिया पर रीट के पेपर आउट होने पर एबीवीपी का प्रदर्शन पढ़ें:REET 2022: राजस्थान में रीट परीक्षा को लेकर फिर उपजा विवाद, सांसद दीया कुमारी ने ट्वीट कर कही ये बड़ी बात
यही नहीं उन्होंने आरोप लगाया कि जयपुर के पोद्दार स्कूल सेंटर से तीन ओएमआर शीट अलग से माध्यमिक शिक्षा बोर्ड को भेजी (REET exam OMR sheet case) गई. आखिर 3 घंटे ओएमआर शीट किनके पास रही और उसे अलग से लिफाफे में बंद कर क्यों भेजा गया. सरकार से इस मामले की जांच करते हुए उन्होंने दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की. आपको बता दें कि जिस पोद्दार स्कूल सेंटर से तीन ओएमआर शीट बाद में माध्यमिक शिक्षा बोर्ड पहुंचाने का आरोप स्कूल के प्रिंसिपल पर लगाया जा रहा है. उस आरोप के पीछे प्रिंसिपल को वर्तमान कार्यकाल और पूर्व में विद्यालयों के वित्तीय अनियमितता का घोर लापरवाही का दोषी पाते हुए 16सीसी और 17सीसी की कार्रवाई का हवाला भी दिया जा रहा है.
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वहीं, एबीवीपी ने रीट भर्ती परीक्षा में महिलाओं और छात्राओं के साथ भी अभद्रता का आरोप लगाया. रीट परीक्षा के लिए उन्हें अग्नि परीक्षा देनी पड़ी. उनकी सुहाग की निशानी और दुपट्टे उतरवाए गए. पूरी बाहों के कुर्ते की बाजूएं काट दी गईं. ये दुर्भाग्यपूर्ण है. यही नहीं उन्होंने परीक्षा से 1 घंटे पहले पहुंचने पर भी एग्जाम सेंटर में एंट्री नहीं होने पर भी सवाल उठाया. एबीवीपी ने इसे सरकार का तानाशाही रवैया बताते हुए परीक्षा देने से वंचित रह गए अभ्यर्थियों को एक और मौका दिए जाने की भी मांग की. वहीं उन्होंने सवाल किया कि जब एक ही परीक्षा को तीन भागों में कराया गया है, तो फिर एकरूपता की बात भी खत्म हो जाती है. क्योंकि हर पारी में अलग-अलग पेपर है, जिन का स्तर अलग-अलग था. अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने आरोप लगाया कि 2021 की रीट भर्ती परीक्षा में धांधली के आरोपी अभी भी खुले में घूम रहे हैं. शिक्षा का व्यापार करने वाली इन बड़ी मछलियों पर गहलोत सरकार कब नकेल कसेगी.