जयपुर.भरतपुर रेंज आईजी पद पर तैनात डीआईजी लक्ष्मण गौड़ के नाम से रेंज के पुलिस अधिकारियों से रिश्वत मांगने का मामला सामने आया है. इस मामले में एसीबी की गिरफ्त में आए आरोपी प्रमोद शर्मा को कोर्ट ने न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया है. गुरुवार को एसीबी अधिकारियों ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए आरोपी प्रमोद को कोर्ट में पेश किया. जहां से कोर्ट ने आरोपी को न्यायिक अभिरक्षा में भेजने के निर्देश दिए.
अब आरोपी की कोरोना जांच करवाई जाएगी. कोरोना रिपोर्ट आने के बाद एसीबी उसे रिमांड पर लेकर पूछताछ करेगी. प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि प्रमोद आईजी का संरक्षण दिलवाने और एसीआर सही करवाने की एवज में रेंज के पुलिस अधिकारियों से वसूली कर रहा था. आरोपी की गिरफ्तारी के बाद एसीबी टीम ने आरोपी के मालवीय नगर स्थित घर पर सर्च किया. जहां पर आरोपी का आलीशान बंगला देखकर एसीबी अधिकारी भी दंग रह गए. एसीबी ने आरोपी के घर से खाली चेक, स्टांप, नाकों पर लेनदेन की पर्चियां समेत अन्य हिसाब की पर्चियां बरामद की है. एसीबी अधिकारी घूसखोरी के नेटवर्क में शामिल पुलिस अधिकारियों की मिलीभगत की भी जांच कर रहे हैं.
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बता दें कि जयपुर एसीबी की टीम ने बड़ी कार्रवाई करते हुए बुधवार को भरतपुर डीआईजी के नाम पर रिश्वत लेने के मामले में एक व्यक्ति को रंगे हाथ गिरफ्तार किया था. आरोपी के कब्जे से 5 लाख रुपये रिश्वत राशि भी बरामद की गई थी. जानकारी के मुताबिक उद्योग नगर सीआई चंद्रप्रकाश से डीआईजी के नाम पर 10 लाख रुपये मांगे गए थे. सीआई ने एसीबी को सूचना दी थी. जिसके बाद प्रमोद शर्मा को जयपुर में रिश्वत लेते हुए ट्रैप किया गया. एसीबी को काफी समय से सूचनाएं मिल रही थी कि भरतपुर डीआईजी के नाम से सहूलियत दिलाने और एसीआर सही करवाने के नाम पर थानाधिकारियो से वसूली की जा रही है. इन सभी शिकायतों पर एसीबी की काफी समय से नजर थी.