जयपुर. लॉकडाउन के बाद घाटे से जूझ रही राजस्थान की होटल इंडस्ट्री को पटरी पर लाने के लिए अब चिंतन शुरू हो चुका है. हाल ही में केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय ने एक वेबीनार में इंडियन होटल इंडस्ट्री पर द इंपैक्ट ऑफ कोविड-19 के नाम से चर्चा का आयोजन किया था. जिसमें पर्यटन मंत्रालय के महानिदेशक डॉक्टर रूपिंदर बरार के साथ-साथ राजस्थान के प्रमुख शासन सचिव पर्यटन श्रेया गुहा, इंडियन हेरिटेज होटल्स एसोसिएशन (IHHA) के अध्यक्ष महाराजा गज सिंह के अलावा होटल इंडस्ट्री के कई कारोबारी शामिल हुए थे और अपनी चिंता जाहिर की थी.
इन सब का कहना था कि राजस्थान में पर्यटन का सीजन बरसात के बाद से शुरू हो जाता है. यानी सितंबर के महीने के लिए अभी से बुकिंग्स का दौर शुरू हो जाएगा. इसके साथ-साथ मई और जून के महीने में गर्मियों की छुट्टियों के चलते हुए बच्चों को लेकर परिजन भी कई पर्यटन स्थलों का दौरा करते हैं. लेकिन इस बार कोरोना वायरस के संक्रमण को देखते हुए देशभर में लागू हुए लॉकडाउन के बाद होटल इंडस्ट्री के कारोबार पर व्यापक असर पड़ चुका है. एक अनुमान के मुताबिक राजस्थान में बुकिंग कैंसिल होने से अब तक लगभग 2 हजार करोड़ रुपए का होटल व्यवसाय को नुकसान हो चुका है.
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लिहाजा इस बात की उम्मीद कम ही है कि दिसंबर 2020 तक होटल्स में पहले की तरह कारोबार होगा. वहीं, पर्यटन के लिए अनूठी पहचान बना चुके राजस्थान के पर्यटन से जुड़े विभिन्न कारोबारों के साथ-साथ होटल्स में भी रौनक लौटेगी. कारोबारियों की चिंता है कि अगर सैलानियों के रूप में उन तक आय के स्रोत नहीं पहुंचेंगे, तो वे होटल्स के रखरखाव के साथ कर्मचारियों की पगार का पैसा कहां से जुटा पाएंगे और मंदी के हालात में लंबे समय तक उनके लिए बाजार में टिक पाना मुश्किल होगा.
IHHA के मानद महासचिव रणधीर विक्रम सिंह मंडावा ने ईटीवी भारत के साथ बातचीत में बताया कि राजस्थान में छोटे और बड़े कुल 150 से ज्यादा हेरिटेज होटल्स हैं, जो आमतौर पर यहां आने वाले सैलानियों के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र होते हैं. इन होटल्स में प्रत्यक्ष रूप से 20 हजार के करीब और अप्रत्यक्ष रूप से चार लाख के करीब लोगों को रोजगार मिलता है. अब जब कारोबार ही नहीं होगा तो फिर इन सब लोगों के लिए मुश्किल हालात पैदा होंगे.
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