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Medical infrastructure in Rajasthan: बढ़ते कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए कितना तैयार है प्रदेश, जानिए क्या है मौजूदा स्थिति

प्रदेश में कोविड-19 संक्रमण के मामले (Corona cases in Rajasthan) लगातार बढ़ रहे हैं. कोरोना की पहली और दूसरी लहर में प्रदेश को चिकित्सा से जुड़ी चीजों और इन्फ्रास्ट्रक्चर की कमी देखने को मिली. इसके चलते कई मरीजों को समय पर इलाज नहीं मिल पाया. आइए जानते हैं कोरोना संक्रमण के फिलहाल के दौर में राजस्थान में क्या है तैयारी:

Medical infrastructure in Rajasthan
बढ़ते कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए कितना तैयार है राजस्थान

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Published : Jan 22, 2022, 9:03 PM IST

Updated : Jan 22, 2022, 11:10 PM IST

जयपुर.प्रदेश में हर दिन कोविड-19 संक्रमण के मामलों में लगातार बढ़ोतरी देखने को मिल रही है. कोरोना की दूसरी लहर में चिकित्सा से जुड़े इंफ्रास्ट्रक्चर की काफी कमी देखने को मिली थी, जिसमें ऑक्सीजन से लेकर आईसीयू बेड और वेंटिलेटर शामिल थे. मौजूदा समय में तेजी से प्रदेश संक्रमण की तीसरी लहर की ओर बढ़ रहा है. ऐसे में चिकित्सा विभाग के पास क्या कुछ संसाधन मौजूद हैं और संक्रमण की तीसरी लहर से निपटने के लिए कितना तैयार है राजस्थान, आइए जानते हैं:

कोविड-19 संक्रमण की दूसरी लहर के दौरान मरीजों की संख्या में तो बढ़ोतरी हो रही थी, इसके साथ ही मौत के आंकड़े भी बढ़ रहे थे. सबसे अधिक ऑक्सीजन की किल्लत का सामना प्रदेश को करना पड़ा था. इसके अलावा सामान्य बेड से लेकर ऑक्सीजन बेड, आईसीयू बेड (ICU beds in Rajasthan) से लेकर वेंटिलेटर तक की कमी के कारण सही समय पर मरीजों को इलाज नहीं मिल पाया. हालांकि अब चिकित्सा विभाग दावा कर रहा है कि विभाग के पास पर्याप्त संसाधन मौजूद हैं और बीते 1 साल में काफी कुछ इन्फ्रास्ट्रक्चर डवलप किया गया है.

बढ़ते कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए कितना तैयार है राजस्थान

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  • चिकित्सा संस्थानों में 50 हजार सामान्य बेड उपलब्ध
  • 28 हजार ऑक्सीजन बेड
  • 6 हजार आईसीयू बेड
  • 1500 नीकू, पीकू बेड उपलब्ध
  • 40000 से अधिक ऑक्सीजन कंसंट्रेटर विभिन्न अस्पतालों में मौजूद
  • जबकि 3000 से अधिक वेंटिलेटर उपलब्ध

चिकित्सा शिक्षा विभाग के प्रमुख शासन सचिव वैभव गालरिया का कहना है कि सरकार के निर्देश के बाद प्रदेश में धीरे-धीरे मेडिकल इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत किया जा रहा है. कोविड-19 संक्रमण की दूसरी लहर के बाद तेजी से इन्फ्रास्ट्रक्चर डवलप किया गया है जिसमें अस्पतालों में बेड से लेकर ऑक्सीजन प्लांट स्थापित किए गए हैं. ऐसे में यदि किसी तरह की कोई परेशानी आती है तो विभाग पूरी तरह से तैयार है. इसके अलावा चिकित्सा विभाग की ओर से भारत सरकार द्वारा चिन्हित महत्वपूर्ण दवाइयों का तीस दिन का पर्याप्त बफर स्टॉक रखा गया है. जिससे दवाइयों की किल्लत ना हो.

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इसके अलावा तीसरी लहर को देखते हुए प्रदेश के विभिन्न अस्पतालों में 461 ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट तैयार किये गए हैं. चिकित्सा विभाग ने दावा किया है कि ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट और ऑक्सीजन कंसंट्रेटर के माध्यम से तकरीबन 1 हजार मीट्रिक टन मेडिकल ऑक्सीजन उपलब्ध हो सकेगी.

Last Updated : Jan 22, 2022, 11:10 PM IST

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