जयपुर. राज्य सरकार इंदिरा रसोई योजना के दो साल पूरे होने पर अब इन रसोइयों की संख्या को बढ़ाकर एक हजार करने जा रही है. खास बात ये है कि इन रसोइयों में महज 8 रुपए में मिल रहे पौष्टिक आहार और इंदिरा रसोइयों की सफाई व्यवस्था से लाभार्थी काफी संतुष्ट हैं और ईटीवी भारत के रियलिटी चेक में भी संतोषजनक तस्वीरें सामने आईं.
प्रदेश में 'कोई भूखा ना सोए' उद्देश्य के साथ दो साल पहले प्रदेश में 358 स्थाई रसोईयों का संचालन और 50 एक्सटेंशन काउन्टर शुरू किए गए. इन रसोइयों को सामुदायिक भवन, रेलवे स्टेशन, बस स्टेण्ड, अस्पताल, मण्डी, चौकड़ी, आश्रय स्थलों के पास ज्यादातर सरकारी भवनों में की गई. जहां जरूरतमन्दों को सुबह और रात को पौष्टिक भोजन महज 8 रुपए में उपलब्ध कराया जा रहा है. प्रशासन का दावा है कि इन रसोइयों में पूरी पारदर्शिता भी रखी जा रही है. रसोई संचालक की ओर से गलत कूपन काटे जाने पर 2000 रुपए प्रति गलत कूपन पेनल्टी लगाने का प्रावधान किया गया है. वहीं रसोई संचालकों की ओर से फर्जी कूपन काटे जाना प्रमाणित होने पर एक लाख रूपए की पेनल्टी, अनुबन्ध निरस्त और संस्था को ब्लैक लिस्ट किए जाने का प्रावधान है. इसके साथ ही यहां सफाई व्यवस्था चाक-चौबंद करने का भी दावा किया जाता है.
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रसोईयों का रियलिटी चेक: इसी का रियलिटी चेक करने के लिए ईटीवी भारत की टीम लालकोठी, रेलवे स्टेशन, सिंधी कैंप बस स्टैंड और एसएमएस अस्पताल स्थित इंदिरा रसोई पहुंची. जहां तस्वीरें संतोषजनक नजर आई. खाने की क्वालिटी के साथ-साथ रसोइयां हाइजीन के लिहाज से भी बेहतर मिली. वहीं लाभार्थी भी यहां मिलने वाले भोजन और साफ सफाई से संतुष्ट दिखे. हालांकि लाल कोठी स्थित रसोई पर फिलहाल रोटरी क्लब की ओर से नि:शुल्क भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है. लेकिन एक लाभार्थी ने बताया कि पूर्व में यहां उनसे कई बार ₹8 की बजाय ₹10 लिए गए. लेकिन अतिरिक्त ₹2 के एवज में दो रोटी दे दी गई.