जयपुर. पूरा विश्व गुरुवार को वर्ल्ड टॉयलेट डे मना रहा है. राजस्थान की राजधानी जयपुर की बात करें तो इसके स्मार्ट होने और इसके 293 साल पुराने इतिहास को लेकर वाहवाही तो जरूर होती है, लेकिन इसी जयपुर में अभी भी लोग ओडीएफ प्लस प्लस रैंकिंग की धज्जियां उड़ाते भी दिख जाते हैं. राजधानी जयपुर के ही कुछ क्षेत्रों में लोग अभी भी खुले में शौच करते देखे जा सकते हैं.
गौरतलब है कि जयपुर के साथ ही उदयपुर, अजमेर, डूंगरपुर, जोधपुर को ओडीएफ प्लस प्लस रैंकिंग हासिल है. सभी 193 नगरीय निकाय ओडीएफ घोषित किए गए हैं. वहीं, 25 नगरीय निकायों ने ओडीएफ प्लस रैंक हासिल की है. प्रदेश की 295 पंचायत समितियों, 9894 ग्राम पंचायतों और 43, 344 गांवों को ओडीएफ घोषित किया गया है. इन सरकारी आंकड़ों और प्रशासनिक दावों को सुनकर किसी भी राजस्थानी के चेहरे पर मुस्कान आ सकती है और गर्व से सीना फूल सकता है, लेकिन हकीकत से अलग नजर आती है.
पढ़ें:Special: जयपुर में साइबर ठगी का बढ़ रहा जाल...हर रोज औसत 12 मामले, स्पेशल साइबर विंग का गठन
राजस्थान भले ही खुद को ओडीएफ घोषित कर अपनी कॉलर ऊंची रखता हो, लेकिन जय सिंह के बसाए इसी जयपुर में ही ईटीवी भारत ने जब शहर के खुले में शौच का जायजा लिया तो सामने आया कि शहर के कुछ इलाकों में लोग आज भी खुले में शौच के लिए जाते हैं. हवामहल जोन के तहत आमेर क्षेत्र के सागर के नजदीक, नाहरगढ़ की पहाड़ियां, गैटोर की छतरियों के पास, विद्याधर नगर जोन में द्रव्यवती नदी के निकट लोग खुले में शौच जाते हैं. वहीं, विधानसभा से 400 और नगर निगम से 900 मीटर की दूरी पर स्थित कठपुतली नगर में लोग खुले में शौच करने जाते हुए दिखाई दिए. हालांकि, नगर निगम ने बीते साल इन्हीं क्षेत्रों में अभियान भी चलाया था और लोगों को जागरूक करने के साथ ही चालान भी काटे थे. इसके बावजूद अभी तक हालात जस के तस बने हुए हैं.
वहीं, अब राज्य सरकार ने हर गांव शहर में पर्याप्त शौचालय बनाने का दावा किया है. खुले में शौच पर जुर्माने का भी प्रावधान है, लेकिन जब धरातल पर इसकी हकीकत देखते हैं, तो एकाएक मायूसी और शर्म से आंखें भी झुक जाती हैं. शौच करने वाले लोगों से जब ईटीवी भारत ने कारण जानना चाहा तो किसी ने शर्म से गर्दन झुका ली तो किसी ने घर में शौचालय नहीं होने की बात कही. वहीं, सुबह मॉर्निंग वॉक करने वाले शहरवासियों की मानें तो अब प्रशासन को सख्त होने की भी दरकार है.