जयपुर. राजस्थान विधानसभा में उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने राजस्थान के बारां जिले में दो नाबालिग बालिकाओं के साथ हुए गैंगरेप मामले को लेकर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के ट्विटर पर आए बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए उनके इस बयान कि की बारां में हुई घटना को हाथरस (यूपी) की घटना से जोड़कर नहीं देखा जा सकता है. इसकी कड़ी भर्त्सना की है. साथ ही अनुसंधान से पूर्व ही अपराधियों को क्लीन चिट देने वाले मुख्यमंत्री के इस बयान को संवेदनहीन बताया है.
राठौड़ ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने संवेदनहीनता की पराकाष्ठा को पार करते हुए बालिकाओं के धारा 164 में बयान देने और स्वयं की मर्जी से लड़कों के साथ घूमने जाने की बात कही. जबकि पीड़ित पक्ष न्याय की आस में कोर्ट के दरवाजे खटखटा रहा है और कह रहा है कि पुलिस ने दबाव में बयान दर्ज किये है. राठौड़ ने कहा कि प्रदेश के मुखिया अनुसंधान से पूर्व ही अपराधियों को क्लीन चिट देते हुए उन्हें पनाह देने का काम रहे हैं, कहीं इसी कारण से आज राजस्थान अपराध में सिरमौर तो नहीं बन गया. जबकि कांग्रेस शासन में महिलाओं और बच्चियों के साथ अपराध चरम पर है और राज्य सरकार इसकी रोकथाम में पूरी तरह नाकाम साबित हुई है.
राठौड़ ने कहा कि मुख्यमंत्री जैसे गरिमापूर्ण और जिम्मेदार पद पर आसीन अशोक गहलोत जी को अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ने की बजाय पीड़ित पक्ष के प्रति संवेदनशीलता दिखानी चाहिए थी. राठौड़ ने कहा कि विगत 15 दिनो में प्रदेश के अजमेर, जयपुर, सीकर, चूरू, सिरोही और बांसवाड़ा समेत कई जगहों पर महिलाओं और बच्चियों के साथ दुष्कर्म की घटनाएं होना इस बात का प्रमाण है कि महिला सुरक्षा को लेकर राज्य सरकार बिल्कुल गंभीर नहीं है. प्रदेश में लगातार महिलाओं मासूम बालिकाओं के साथ दरिंदगी की हदें पार करने वाली ये घटनाएं सरकार के महिला सुरक्षा के दावों की पोल खोल रही है.
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