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RAS Officer Whatsapp Controversy: राज्य विप्र कल्याण बोर्ड ने सीएम को लिखा खत, निलंबन की अपील

RAS अधिकारी केसर लाल मीणा का देवी-देवताओं और ब्राह्मणों पर टिप्पणी (Kesar Lal Meena Whatsapp Controversy) का मामला ठंडा होने का नाम नहीं ले रहा है. अब इस पूरे मामले में राजस्थान राज्य विप्र कल्याण बोर्ड ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखा है. वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी के इस कृत्य को बेहद शर्मनाक और अशोभनीय बताया है.

RAS Officer Whatsapp Controversy
राज्य विप्र कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष महेश शर्मा

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Published : Sep 13, 2022, 9:44 AM IST

जयपुर :RAS अधिकारी केसर लाल मीणा के हिन्दू देवी देवताओं पर की गई विवादास्पद टिप्पणी पर विप्र बोर्ड ने सख्त एतराज जताया है (Kesar Lal Meena Whatsapp Controversy). बोर्ड के अध्यक्ष महेश शर्मा ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिख आरएएस को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने का आग्रह किया है. शर्मा का आरोप है कि मीना ने धर्म और जातिगत विद्वेष फैलाने का अशोभनीय कृत्य किया है. आग्रह किया है कि मीणा को सस्पेंड किया जाए साथ ही उनके खिलाफ 16 सीसी की नोटिस जारी किया जाए (Suspension Demand for RAS officer).

पत्र में जताया विरोध: विप्र कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष महेश शर्मा की ओर से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नाम लिखे गए पत्र में कहा गया- समाज के विभिन्न सामाजिक संगठनों और प्रतिनिधियों ने ज्ञापन और व्यक्तिगत रूप से अवगत कराया है कि केसरलाल मीणा संयुक्त सचिव उद्योग विभाग RAS 8 सितंबर को RAS OFFICIAL WHATSAPP GROUP में एक विवादित मैसेज फारवर्ड किया. जिसमें भगवान हनुमानजी को बंदर लिखा गया साथ ही हिन्दु समाज के अन्य देवी देवताओं को रेपिस्ट बताया गया. इतना ही नही भगवान कृष्ण, विष्णु और सीताजी सहित कई आराध्यों को लेकर आपत्तिजनक और अशोभनीय टिप्पणी की गई. इसमें हर लाइन में ब्राह्मण समाज पर अशोभनीय और अपमानजनक कटाक्ष किये गए हैं. इससे हिन्दु सनातन समाज सहित विप्र समाज की धार्मिक भावनाओं पर गहरा आघात लगा है. केसरलाल मीणा RAS के इस कृत्य से विप्र समाज अत्यन्त क्षुब्ध हैं और प्रदेश के ब्राह्मण समाज में इस घटना से अत्यन्त रोष व्याप्त है.

राज्य विप्र कल्याण बोर्ड ने सीएम को लिखा खत
राज्य विप्र कल्याण बोर्ड ने सीएम को लिखा खत

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निलंबित करने की मांग: विप्र कल्याण बोर्ड ने कहा कि इस तरह की टिपण्णी से हिन्दू समाज की धार्मिक और सामाजिक भावना को आहत पहुंचाने के लिए केसरलाल मीणा RAS के विरुद्ध आईपीसी की धारा 153A, धारा 295 A, 504 IPC तथा IT ACT के अन्तर्गत मुकदमा दर्ज कर आवश्यक कार्रवाई करने की मांग की है. लिखा है- जिम्मेदार पद पर रहते हुए समाज में समरसता बनाए रखे जाने की जिम्मेदारी प्रत्येक उच्चाधिकारियों की होती हैं, लेकिन केसरलाल मीणा RAS ने हिन्दू धर्मावलम्बियों, विशेषकर ब्राह्मणों की धार्मिक भावनाओं को आहत करने के लिए सोशल मीडिया के माध्यम से इस प्रकार सामाजिक सौहार्द और सद्भाव को समाप्त करने की दिशा में कार्य किया गया. जो व्यक्ति जातीय आधार पर नफरत, वैमनश्य और घृणा फलाने का प्रयास करता है, उसे लोक सेवक रहने का कोई अधिकार नहीं हैं क्योंकि वो अपने पद के दायित्वों का निर्वहन करते समय भी जातीय नफरत से निर्णय लेगा. इनके द्वारा धार्मिक/सामाजिक सौहार्द खराब करने के उद्देश्य से हिन्दू धर्मावलम्बियों के देवीदेवताओं बाबत ब्राह्मण समाज पर इनका अनुचित आचरण है. अभद्र टिप्पणियां और समाज की भावना को देखते संयुक्त सचिव उद्योग विभाग RAS को तुरन्त प्रभाव में निलम्बित करते हुए राजस्थान सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण व अपील) नियम 1958 के तहत 16 सीसीए की निष्पक्ष जांच कार्रवाई प्रारम्भ की जाए.

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8 सितम्बर को विवादित टिप्पणी: बता दें कि आरएसएस लाल मीणा ने 8 सितंबर को RAS OFFICIAL WHATSAPP GROUP में एक विवादित मैसेज फारवर्ड किया. इसमें भगवान हनुमानजी को बंदर लिखा गया साथ ही हिन्दू समाज के देवी देवताओं को रेपिस्ट बताया गया. इतना ही नही भगवान कृष्ण, विष्णु और सीताजी के लिए भी आपत्तिजनक भाषा का प्रयोग किया गया. हालांकि विवाद बढ़ते देख इस पोस्ट को बाद में हटा दिया गया और केसर लाल मीणा ने अपने पोस्ट के लिए माफी भी मांगी है , लेकिन इस पोस्ट को लेकर खड़ा हुआ विवाद अभी भी खत्म नहीं हो रहा है .

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