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'राहुल गांधी केंद्र सरकार पर सवाल उठाने के बजाए जरूरतमंद लोगों के साथ खड़े होते तो अच्छा होता'

राहुल गांधी की ओर से कोविड के बजट को लेकर उठाए गए सवालों पर बीजेपी विधायक रामलाल शर्मा ने पलटवार किया है. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी केंद्र सरकार पर सवाल उठाने के बजाए जरूरतमंद लोगों के साथ खड़े होते तो अच्छा होता.

Rajasthan News,  Ramlal Sharma counter attack on Rahul Gandhi
रामलाल शर्मा का पलटवार

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Published : May 8, 2021, 10:32 PM IST

जयपुर. केंद्र की मोदी सरकार पर कोविड बजट को लेकर उठ रहे सवालों के बीच राहुल गांधी ने जहां केंद्र सरकार के ऊपर निशाना साधा. तो वहीं राहुल गांधी की ओर से उठाए गए सवालों पर बीजेपी प्रवक्ता और विधायक रामलाल शर्मा ने पलटवार किया है.

रामलाल शर्मा का पलटवार

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रामलाल शर्मा ने कहा कि भारत सरकार की कार्यशैली पर सवाल उठाने से ज्यादा जरूरी था कि वह पहले अपने स्टेट की गहलोत सरकार की कार्यशैली को देख लेते. यह वक्त राजनीति का नहीं बल्कि ऐसे नाजुक मौके पर तो जरूरतमंद लोगों के साथ कांग्रेस को खड़ा होना चाहिए, जहां पर कांग्रेस दिखाई नहीं दे रही है.

बीजेपी विधायक रामलाल शर्मा ने कहा कि यह मौका ऐसा है जब देश में सब को एक साथ खड़े होकर इस महामारी से मुकाबला करना चाहिए. इस समय कांग्रेस के नेता आम जनता के साथ खड़े होने की जगह भारत सरकार की कार्यशैली और हेल्थ बजट को लेकर सवाल खड़ा कर रहे हैं. जबकि राहुल गांधी को पहले अपने कांग्रेस शासित राज्य राजस्थान की गहलोत सरकार को देख लेना चाहिए था, जहां पर केंद्र की मोदी सरकार ने उन्हें 4 जिले जिनमें अलवर, जयपुर, बीकानेर और अजमेर शामिल है.

वहां पर ऑक्सीजन प्लांट लगाने के लिए बजट अलॉट किया हुआ है, लेकिन अभी तक वहां पर एक पत्थर भी नहीं लगा. इतना ही नहीं केंद्र सरकार ने 1500 से ज्यादा वेंटिलेटर राजस्थान की गहलोत सरकार को दिए, जिनमें से 100-200 वेंटिलेटर को छोड़ दें तो बाकी सभी वेंटिलेटर अभी तक डिब्बों से बाहर ही नहीं निकले.

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ऐसे में राहुल गांधी को राजनीति छोड़ किस तरह से इस महामारी का मुकाबला करें इस पर सुझाव देनी चाहिए. रामलाल शर्मा ने कहा कि प्रदेश की गहलोत सरकार प्रदेशवासियों को कोरोना की इस लड़ाई में उनके साथ खड़ी होने की वजह उन्हें इस बुरे हाल में अकेला छोड़ दिया है. सरकार पूरी तरीके से विफल साबित हुई है.

बता दें, केंद्र सरकार ने वैश्विक महामारी कोरोना के रोकथाम के लिए चल रहे देशव्यापी टीकाकरण कार्यक्रम पर अभी तक 4,744 करोड़ रुपये खर्च किए हैं, जो कि मौजूदा वित्त वर्ष में टीकाकरण के लिए आवंटित कुल बजट के 14 फीसदी से भी कम है. भारत में जारी दुनिया के सबसे बड़े टीकाकरण अभियान को कई मोर्चों पर असफलताओं का सामना करना पड़ रहा है. कुछ राज्यों नें टीके की कमी है, वहीं कई जगहों पर टीकाकरण की रफ्तार काफी कम है.

पहले से ही स्वीकृत 35,000 करोड़ रुपये के बजट का धीमी गति से उपयोग ऐसे समय में हो रहा है जब टीकाकरण अभियान की गति बनाए रखना अत्यंत महत्वपूर्ण है. इसी के जरिए नए कोविड संक्रमण के मामलों में आई अभूतपूर्व वृद्धि को धीमा किया जा सकता है.

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