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Special: भाजपा के विरोध प्रदर्शन से अलग किरोड़ी दिखा रहे अपना दमखम..क्या है ये सियासी संकेत?

राजस्थान भाजपा (Rajasthan BJP) विभिन्न मुद्दों पर गहलोत सरकार (Gehlot Government) को घेरने में जुटी है. लेकिन भाजपा के प्रदर्शन से अलग भाजपा राज्यसभा सांसद डॉ. किरोड़ी लाल मीणा (Dr. Kirodi Lal Meena) अपना सियासी दमखम दिखा रहे हैं. भाजपा के प्रदर्शन में किरोड़ी मीणा नहीं दिखते तो मीणा के विरोध प्रदर्शन में भाजपा का बैनर नहीं बल्कि किरोड़ी मीणा का चेहरा ही सबकुछ होता है. हालांकि मीणा पार्टी को सर्वोपरि मानते हैं लेकिन बिना पद के भी बहुत कुछ करने के संकेत देते हैं.

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भाजपा के विरोध प्रदर्शन से अलग किरोड़ी दिखा रहे अपना दमखम

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Published : Jul 12, 2021, 6:54 PM IST

Updated : Jul 12, 2021, 7:45 PM IST

जयपुर: पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा से दूर हुए किरोड़ी लाल मीणा (Kirodi Lal Meena) वापस भाजपा में शामिल तो हुए और पार्टी ने उन्हें राज्यसभा सांसद भी बनाया लेकिन संगठनात्मक रूप से राजस्थान भाजपा (Rajasthan BJP) में कोई जिम्मेदारी नहीं मिली. हाल ही में पार्टी के स्तर पर होने वाले बड़े विरोध प्रदर्शन या बैठकों में भी मीणा की अनुपस्थिति इस बात को दर्शाती रही कि पार्टी में किरोड़ी मीणा को अपने सियासी कद के अनुरूप जिम्मेदारी नहीं दी गई.

किरोड़ी मीणा को सियासत में खुद को जिंदा रखना बखूबी आता है. यही वजह है कि छोटे से लेकर बड़े मुद्दों तक को मीणा ने अपने बलबूते उठाया भी और राजस्थान सरकार (Government of Rajasthan) के खिलाफ कई बड़े विरोध प्रदर्शन भी लगातार किए.

भाजपा के विरोध प्रदर्शन से अलग किरोड़ी दिखा रहे अपना दमखम

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इन प्रदर्शनों में भाजपा का कोई दूसरा नेता नजर नहीं आया ना ही पार्टी का बैनर दिखाई दिया. क्योंकि भाजपा के विरोध प्रदर्शन में किरोड़ी मीणा भी कम ही नजर आते हैं. इस बात का मीणा के दिल में दुख तो है लेकिन जुबां पर लाने से बचते भी हैं. किरोड़ी कहते हैं कि मैं तो पार्टी से जुड़ी मांग ही उठा रहा हूं. बस अंतर इतना है कि पीड़ित लोगों से पार्टी कार्यालय में कोई नहीं मिल पाता तो वो मेरे पास आ जाते हैं.

डेढ़ महीने में किरोड़ी ने कई मुद्दों पर बड़े विरोध प्रदर्शन कर पार्टी और सरकार दोनों को चौंकाया है. 02 जून 2021 को सवाई माधोपुर में हुई हत्या और बिगड़ती कानून व्यवस्था के खिलाफ कलेक्ट्रेट परिसर में ही धरने पर बैठे. 19 जून 2021 को कोरोना काल में अनाथ हुए बच्चों को आर्थिक सहायता मुहैया कराने की मांग पर मुख्यमंत्री आवास पर अनाथ बच्चों के साथ अचानक पहुंचकर धरना दिया.

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28 जून 2021 को बेरोजगार कंप्यूटर शिक्षको की नियामित भर्ती की मांग को बुलंद किया. 1 जुलाई 2021 को महिलाओं को लेकर पुलिस की कार्यशैली के खिलाफ जयपुर पुलिस कमिश्नरेट में महिलाओं के साथ अचानक पहुंचे किरोड़ी. दुष्कर्म और महिलाओं को जबरन थाने में बंद करने का था मामला.

2 जुलाई 2021 को गणेश धाम और आसपास 324 बीघा जमीन अवाप्ति और गरीबों के आशियाने उजाड़ने के खिलाफ किरोड़ी मीणा लालसोट पुलिस थाने के बाहर धरने पर बैठे. 7 जुलाई 2021 को जयपुर के होटल मेरियट में कांग्रेस प्रदेश प्रभारी अजय माकन का घेराव करने अचानक पहुंचे. उनके साथ में जनजाति क्षेत्रों की महिला और बच्चे भी मौजूद रहे. जनजाति क्षेत्रों में मजदूरी के नाम पर बाहर भेजकर देह शोषण करवाने के सक्रिय गिरोह के खिलाफ कार्रवाई की मांग और धर्मांतरण में जुटे लोगों पर कार्रवाई की भी मांग की.

8 जुलाई 2021 जनजाति क्षेत्र से जुड़े मामलों को लेकर किरोड़ी लाल मीणा डीजीपी एमएल लाठर से मिले और ज्ञापन दिया. उनके साथ में बीटीपी के प्रदेश अध्यक्ष भी मौजूद रहे. 9 जुलाई 2021 जयपुर नगर निगम ग्रेटर में सफाई कर्मचारियों के साथ धरने पर बैठे. सफाई कर्मचारियों को बकाया वेतन भुगतान और सफाई कर्मचारियों के चुनाव से जुड़ा मामला था.

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11 जुलाई 2021 इंटर डिस्कॉम ट्रांसफर नीति लागू करने और बिजली उपभोक्ताओं को स्थाई शुल्क और फ्यूल चार्जेस के आर्थिक भार से मुक्त करने के लिए किरोड़ी मीणा जवाहर सर्किल पर हजारों बिजली कर्मचारियों के साथ धरने पर बैठे.

डॉ. किरोड़ी लाल मीणा का सियासी कद राजस्थान में किसी से छुपा हुआ नहीं लेकिन संगठन में बिना दायित्व के लगातार कुछ न कुछ आंदोलन प्रदर्शन कर वे राजनीति में खुद को मजबूत नेता के रूप में लगातार स्थापित किए हुए हैं. हालांकि जब उनसे पूछा गया कि क्या संगठन आपकी ताकत को पहचान नहीं पा रहा तो उन्होंने किसी भी विवाद से इनकार किया और पार्टी व संगठन को सर्वोपरि बताया.

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हालांकि किरोड़ी लाल मीणा ने यह भी कहा कि हम तो बिना दायित्व के काम कर रहे हैं. पार्टी दायित्व देगी तो और मजबूती से काम करेंगे. मीणा के मुताबिक महात्मा गांधी और जयप्रकाश नारायण के पास भी कौन सा पद था, लेकिन देश की सेवा उन्होंने भी की और मैं भी कर रहा हूं.

दरअसल राजस्थान में साल 2023 में विधानसभा चुनाव होने हैं लेकिन उससे पहले खुद को सियासी धरातल पर जिंदा रखना बेहद जरूरी है. खास तौर पर राजनीति में सक्रियता ही आगे बढ़ने का बड़ा पैमाना होता है. किरोड़ी लाल मीणा इस पैमाने को भली-भांति जानते भी हैं और समझते भी हैं.

Last Updated : Jul 12, 2021, 7:45 PM IST

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