जयपुर. सियासी संकट के दौरान फोन टैपिंग को लेकर उठे विवाद के बाद अब राज्यसभा चुनाव में भी फोन टैपिंग के आरोप गहलोत सरकार पर लग रहे हैं. हालांकि इस बार मंत्री महेश जोशी ने इन चुनावों में हॉर्स ट्रेडिंग की संभावनाओं पर शिकायत एसीबी में दर्ज कराई, जिसके बाद अधिकृत रूप से अब जनप्रतिनिधियों व अन्य की फोन टैपिंग हो सकेगी. नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने इस पर सवाल खड़े किए हैं और मुख्यमंत्री (Gulabchand Kataria asked Gehlot about Phone Tapping Right) से पूछा है कि आखिर ऐसे कौन से तर्क विभाग को दिए गए, जिसके चलते फोन टैपिंग का अधिकार (Phone Tapping Right) दिया गया है.
पूर्व गृह मंत्री और मौजूदा नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने बुधवार को इस मामले में कहा कि प्रदेश सरकार और कांग्रेस ने इस बार राज्यसभा के चुनाव में सभी हदें पार कर दी हैं. कटारिया ने कहा कि फोन टैपिंग के अधिकार होम सेक्रेट्री तब देता है, जब देशद्रोह या कोई ऐसी बहुत बड़ी स्थिति बने, जिससे नुकसान होने वाला हो. राजस्थान में सरकार भी कांग्रेस की और गृह विभाग के मुखिया भी खुद मुख्यमंत्री हैं, चाहे जिसका फोन टैप करा लो और उसकी परमिशन ले लो, सब सरकार के हाथ में ही है. कटारिया ने कहा कि सीएम को यह बताना चाहिए कि आखिर विभाग को ऐसे कौन से तर्क दिए गए, जो इन चुनावों में फोन टैपिंग कराने का अधिकार दिया गया. उन्होंने कहा कि प्रदेश की जनता देख रही है कि मुख्यमंत्री जो गृह मंत्री भी हैं, अपने विभाग को दबाव में लेकर इस प्रकार अनाधिकृत रूप से फोन टैपिंग करवाते हैं.
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विधानसभा में उठा मुद्दा इसलिए फॉर्मेलिटी कर रही सरकार - गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि पिछली बार सियासी संकट के दौरान भी प्रदेश सरकार ने अनाधिकृत रूप से फोन टैप कराए थे. इसका ऑडियो वायरल होने के बाद विधानसभा में भाजपा ने इसे मुद्दा बनाया और एक बड़ा विवाद खड़ा हुआ. अब मंत्री महेश जोशी विभाग में पहले जबरन की शिकायत दर्ज कराते हैं, ताकि उसके आधार पर विभाग फोन टैपिंग के लिए होम सेक्रेट्री से अनुमति ले और चाहे जिसके फोन टैप करवाकर दबाव बनाएं.
सरकारी प्लेन का दुरुपयोग -गुलाबचंद कटारिया ने मुख्यमंत्री से कहा है कि वास्तविकता में उन्हें बताना चाहिए कि सरकारी प्लेन का दुरुपयोग (Misuse of Government Plane) वह क्यों कर रहे हैं. जो विधायक कुछ दिनों पहले तक मीडिया में सरकार के खिलाफ बयान दे रहे थे, उन्हें आखिर ऐसा कौन सा प्रलोभन दिया या कौन सा दबाव बनाया जो अब उन्हें होटलों में कैद कर रखा है. कटारिया ने कहा राज्यसभा चुनाव कोई बहुत बड़ी बात नहीं है, लेकिन जिन मर्यादाओं को मुख्यमंत्री तोड़ रहे हैं, वह राजस्थान के भविष्य को बहुत कष्ट देगा.
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जोशी ने ACB और चुनाव आयोग तो भाजपा ने भी आयोग व ईडी में दी शिकायत- राज्य सरकार के मुख्य सचेतक एवं मंत्री महेश जोशी ने एंटी करप्शन ब्यूरो में पिछले रविवार को शिकायत देते हुए राज्यसभा चुनाव में हॉर्स ट्रेडिंग (Horse trading in Rajya Sabha elections) की संभावनाएं जताई थी. इसके बाद कांग्रेस ने चुनाव आयोग में भी शिकायत दी है. मंगलवार को बीजेपी ने चुनाव आयोग और प्रवर्तन निदेशालय के निदेशक को शिकायत देकर प्रदेश सरकार पर सत्ता के दुरुपयोग और काले धन के इस्तेमाल का आरोप लगाया. साथ ही भाजपा ने प्रदेश सरकार पर फोन टैपिंग का भी आरोप लगाया.
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इस बार कर रहे नियमों की पालना - साल 2020 में जब सरकार पर सियासी संकट आया था तो उस दौरान गलत तरीके से फोन टैपिंग के आरोप सरकार पर लगे थे लेकिन अब दोबारा इस तरह की गलती ना हो, सरकार इसका पूरा ध्यान रख रही है. नियमों की पालना ((Phone Tapping Rules)) करते हुए प्रदेश सरकार की ओर से जांच एजेंसी को लिखित में शिकायत दी गई है. जिससे संदिग्धों के फोन को विधिवत तरीके से सर्विलांस पर लेकर नजर रखी जा सके और फोन टैपिंग की जा सके. बता दें कि वर्ष 2020 में विधायक खरीद फरोख्त से जुड़े 3 ऑडियो वायरल हुए थे. जिसमें संजय जैन, गजेंद्र सिंह शेखावत और भवरलाल शर्मा के नाम सामने आए थे. इसके बाद राजस्थान सरकार के मुख्य सचेतक महेश जोशी ने तीनों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई थी. वहीं गलत तरीके से फोन टैप करने और प्रतिष्ठा को धूमिल करने का आरोप लगाते हुए केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने भी दिल्ली में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के ओएसडी लोकेश शर्मा समेत अज्ञात पुलिस अफसरों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई थी.
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फोन टैपिंग के नियम, गलत उपयोग पर हो सकती है ये कार्रवाई -शिकायत प्राप्त होने पर जांच एजेंसी विधिवत तरीके से फोन टैपिंग (Phone Tapping Rules) कर सकती हैं. यदि फोन टैपिंग के डाटा का कोई गलत उपयोग करता है तो उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाता है. गैर कानूनी तरीके से किसी व्यक्ति की फोन टैपिंग करना उसकी निजता के अधिकारों का उल्लंघन माना गया है. यदि यह पता चल जाए कि उक्त व्यक्ति का फोन गैर कानूनी तरीके से टैप हो रहा है या किया गया है, तो वह कानूनी कार्रवाई करते हुए मुकदमा दर्ज करवा सकता है. जिसके तहत उक्त व्यक्ति गैर कानूनी तरीके से फोन टैपिंग करने वाले व्यक्ति के खिलाफ इंडियन टेलीग्राफिक एक्ट के सेक्शन 26-बी के तहत कोर्ट में मुकदमा दाखिल कर सकता है. जिसके तहत गैर कानूनी तरीके से फोन टैप करने वाले व्यक्ति को 3 साल तक की सजा का प्रावधान है.