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मंदिर के पुजारी को पूजा-पाठ से रोकने पर कोर्ट के अवमानना नोटिस का दीया कुमारी ने दिया जवाब

जयपुर की निचली अदालत के आदेश के बावजूद जमवारामगढ़ स्थित जमवा माता मंदिर के पुजारी को पूजा-पाठ से रोकने के मामले में पूर्व राजपरिवार और सांसद दीया कुमारी व अन्य की ओर से अदालत में जवाब पेश कर दिया गया है. जवाब में कहा गया कि जमवा माता मंदिर का प्रशासन पूर्व राजपरिवार के शिला माता मंदिर ट्रस्ट के अधीन आता है.

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दीया कुमारी ने दिया अवमानना नोटिस का जवाब

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Published : Jan 25, 2021, 6:25 PM IST

जयपुर. जिले की निचली अदालत के आदेश के बावजूद जमवारामगढ़ स्थित जमवा माता मंदिर के पुजारी को पूजा-पाठ से रोकने के मामले में पूर्व राजपरिवार और सांसद दीया कुमारी व अन्य की ओर से अदालत में जवाब पेश कर दिया गया है. वहीं अदालत ने पुजारी को पुलिस सुरक्षा देने को लेकर पेश प्रार्थना पत्र पर 29 जनवरी को आदेश देना तय किया है.

दीया कुमारी व अन्य की ओर से पेश जवाब में कहा गया कि जमवा माता मंदिर का प्रशासन पूर्व राजपरिवार के शिला माता मंदिर ट्रस्ट के अधीन आता है. मामले में एसडीएम और देवस्थान विभाग की ओर से जवाब नहीं आया है. दूसरी ओर मंदिर के पुजारी भगवती प्रसाद की ओर से प्रार्थना पत्र पेश कर कहा गया कि उसे पुलिस सुरक्षा दिलाई जाए, ताकि वह मंदिर की पूजा कर सके.

पढे़ं:मंदिर के पुजारी को पूजा-पाठ से रोकने पर सांसद दीया कुमारी समेत 17 को अवमानना नोटिस

गौरतलब है कि पुजारी ने अदालत में अवमानना अर्जी दायर कर कहा है कि उसके पूर्वज जमवारामगढ़ स्थित जमवा माता मंदिर की सेवा पूजा करते थे. मामले में जागीर कमिश्नर ने उत्तराधिकारियों का ओसरा तय किया था. सेवा पूजा में विवाद होने पर भगवती प्रसाद ने कोर्ट में दावा दायर कर हिस्सेदारी के अनुसार मंदिर की सेवा पूजा में बाधा नहीं डालने की गुहार की थी. इस पर कोर्ट ने 4 अक्टूबर 2017 को ओसरे के अनुसार पूजा करने के आदेश देते हुए स्थगन दिया था.

अवमानना अर्जी में कहा गया कि उसका 10 अक्टूबर से 8 नवंबर 2020 तक ओसरा था. इसी दौरान 27 अक्टूबर को कुछ लोगों ने आकर उससे मारपीट की और मंदिर से बाहर कर दिया. मौके पर पुलिस और प्रशासन के अधिकारी भी पहुंचे. प्रार्थी को धमकी दी गई कि पूर्व राजपरिवार की इच्छा के बिना वह मंदिर में प्रवेश ना करेय इसके बाद 6 जनवरी को प्रार्थी का फिर ओसरा आया, लेकिन उसे मंदिर में प्रवेश नहीं करने दिया गया.

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