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प्रदेश में चल रहा जंगलराज, कानून व्यवस्था ताक पर रख अपराधी कर रहे दुष्कर्म : राजेन्द्र राठौड़ - राजस्थान ताजा हिंदी खबरें

नागौर के परबतसर में महिला के साथ सामूहिक बलात्कार पर उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने गहरा रोष व्यक्त कर कांग्रेस पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस के शासनकाल में बेखौफ अपराधियों ने कानून व्यवस्था को ताक सारी हदें पार कर दी हैं और नागौर मामले में अब तक आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं होना मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के जंगलराज का जीता-जागता प्रमाण है.

statement of Rajendra Rathore, rape case in Nagaur
राजेंद्र राठौड़ का बयान

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Published : Jan 26, 2021, 10:17 PM IST

जयपुर. राजस्थान विधानसभा में उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने वक्तव्य जारी कर नागौर के परबतसर में महिला के साथ सामूहिक बलात्कार पर गहरा रोष व्यक्त कर कांग्रेस पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि कांग्रेस के शासनकाल में बेखौफ अपराधियों ने कानून व्यवस्था को ताक पर रखकर बहन-बेटियों के साथ हैवानियत की सारी हदें पार कर दी हैं तथा नागौर मामले में अब तक सभी आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं होना मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के जंगलराज का जीता-जागता प्रमाण है.

राठौड़ ने कहा कि कांग्रेस के दो वर्षीय शासनकाल में प्रदेश में आपराधिक कृत्यों में अप्रत्याशित बढ़ोतरी हो रही है. विशेष रूप से महिलाओं व मासूम बच्चियों के साथ बढ़ रही दुष्कर्म की घटनाएं रिकॉर्ड तोड़ रही हैं, जो राज्य सरकार की लचर कानून व्यवस्था को प्रदर्शित कर रही है. महिलाओं के साथ ऐसी जघन्य घटनाएं साबित करती हैं कि गूंगी-बहरी कांग्रेस सरकार को महिलाओं की चीख-पुकार सुनाई नहीं दे रही है और उन्हें महिला सुरक्षा से कोई लेना-देना नहीं है.

राठौड़ ने कहा कि नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो की रिपोर्ट के आंकड़ों के अनुसार महिलाओं के साथ दुष्कर्म से संबंधित अपराधों में देश भर में राजस्थान का पहला स्थान होना यह साबित करता है कि कांग्रेस राज में महिलाओं के साथ लगातार हो रही दुष्कर्म की घटनाओं से आज पूरा राजस्थान शर्मसार है. राष्ट्रीय स्तर पर शांति प्रिय प्रदेश की छवि 'महिला असुरक्षित प्रदेश' के रूप में धूमिल हो रही है. हाल ही में नागौर ही नहीं, बल्कि दौसा व सीकर में भी महिलाओं के साथ दुष्कर्म की घटनाओं का सामने आना शर्मनाक है.

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राठौड़ ने कहा कि किसी सरकार के लिए मातृशक्ति की सुरक्षा सर्वोपरि होनी चाहिए, लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, जो गृह विभाग के मुखिया भी हैं, वह महिला सुरक्षा को लेकर बिल्कुल भी गंभीर नहीं हैं और उनके राज में राज्य की विधि व्यवस्था मृत प्राय हो चुकी है.

राठौड़ ने कहा कि सभ्य समाज में महिलाओं के साथ जघन्य आपराधिक कृत्यों का कोई स्थान नहीं है. मुख्यमंत्री महिलाओं और मासूम बच्चियों को सुरक्षा देने के चाहे कितने भी दावे कर लें, लेकिन वास्तविकता यह है कि इनके साथ बलात्कार की घटनाएं नहीं थम रही हैं. प्रदेश की महिलाओं के साथ दुष्कर्म व अन्य आपराधिक घटनाओं पर प्रभावी रोकथाम की दिशा में प्रदेश के मुखिया अशोक गहलोत का कोई नियंत्रण नहीं है.

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