जयपुर. केंद्रीय कृषि कानूनों को लेकर सियासी उबाल जारी है. 3 जनवरी को जयपुर में कांग्रेस का बड़ा धरना भी होगा, जिसमें मंत्री से लेकर विधायक और कांग्रेस पदाधिकारी शामिल होंगे. इस बीच मुख्य सचेतक डॉ. महेश जोशी द्वारा राज्यपाल कलराज मिश्र को लेकर की गई टिप्पणी पर सियासी विवाद भी खड़ा हो गया है. प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़ ने जोशी की टिप्पणी को असंवैधानिक और मर्यादा हीन बताते हुए उसकी निंदा की है.
ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान राजेन्द्र राठौड़ ने कहा कि देश का संविधान इस बात की इजाजत नहीं देता कि कोई भी राज्यपाल, राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति के किसी मामले में टिप्पणी करें, लेकिन राजस्थान में मुख्यमंत्री से लेकर मुख्य सचेतक तक राज्यपाल के खिलाफ अनर्गल टिप्पणी कर रहे हैं, जिसकी जितनी निंदा की जाए कम है. राठौड़ ने कहा कि राजस्थान की राजनीति में एक नई परंपरा शुरू हो रही है, क्योंकि राज्यपाल के यहां से ही मंत्रिमंडल में लिए गए निर्णय के लागू होने की राज आज्ञा निकलती है, लेकिन उसी संवैधानिक संस्था के प्रमुख के खिलाफ की गई टिप्पणियों के जरिए उन्हें दलीय राजनीति में घसीटना किसी भी दृष्टि से उचित नहीं माना जा सकता.
3 जनवरी को कांग्रेस का धरना सिर्फ नौटंकी
वहीं ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़ ने 3 जनवरी को जयपुर के शहीद स्मारक पर होने वाले कांग्रेस के धरने को भी सिर्फ नौटंकी करार दिया. राठौड़ ने कहा कि देश में और प्रदेश में कांग्रेस और वामपंथी किसानों के भेष में इस प्रकार के आंदोलन कर रहे हैं, जो जनता समझ चुकी है. राठौड़ ने कहा कि प्रदेश सरकार की हुकूमत 2 साल का कामकाज पूरा कर चुकी है, लेकिन हर क्षेत्र में यह सरकार विफल रही और अब 3 जनवरी को होने वाला सरकार और कांग्रेस संगठन का यह धरना भी प्रदेश की जनता का ध्यान बिगड़ती कानून व्यवस्था के मुद्दों से भटकाने के लिए दिया जाएगा.
राठौड़ ने कहा कि इस धरने में ना तो जनता का साथ मिलना होगा और ना किसानों का, केवल कांग्रेस के नेता ही इसमें नजर आएंगे. राजेंद्र राठौड़ के अनुसार केंद्रीय कृषि कानून जो संसद में पारित हुए हों, वह वैकल्पिक बिल थे और वैकल्पिक बिलों के खिलाफ इस प्रकार का हो हल्ला करना कतई उचित नहीं माना जा सकता, क्योंकि इन केंद्रीय कानूनों के नाम पर कांग्रेस और वामपंथी किसानों के कंधे का सहारा लेकर बंदूक चला कर अपनी राजनीतिक रोटियां सेक रहे हैं.
बेनीवाल ने गठबंधन तोड़ा, लेकिन प्रदेश भाजपा को नहीं पड़ेगा कोई फर्क: राठौड़