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राजेंद्र राठौड़ ने सीएम गहलोत पर साधा निशाना, कहा- संवैधानिक संस्थाओं को कटघरे में खड़ा करना शर्मनाक - राजस्थान पॉलिटिक्स

राजेन्द्र राठौड़ ने कहा कि राज्य में तेजी से पैर पसारती वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण को रोकने में विफल साबित हो रहे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कोरोना कुप्रबंधन, अव्यवस्थाओं और अपनी नाकामी को छिपाते हुए केन्द्र सरकार के बाद अब उच्च न्यायालय, सर्वोच्च न्यायालय और चुनाव आयोग जैसी संवैधानिक संस्थाओं पर दोषारोपण कर रहे हैं. यह देश की पहली घटना होगी जब कोई मुख्यमंत्री ऐसी बेतुकी दलीलें पेश कर संवैधानिक संस्थाओं को कटघरे में खड़ा कर रहा है, यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण और शर्मनाक है.

राजेंद्र राठौड़, Rajendra Rathore targeted CM Ashok Gehlot
राजेंद्र राठौड़

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Published : Apr 16, 2021, 9:25 PM IST

जयपुर.प्रतिपक्ष के उप नेता राजेन्द्र राठौड़ ने कहा कि राज्य में तेजी से पैर पसारती वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण को रोकने में विफल साबित हो रहे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कोरोना कुप्रबंधन, अव्यवस्थाओं और अपनी नाकामी को छिपाते हुए केन्द्र सरकार के बाद अब उच्च न्यायालय, सर्वोच्च न्यायालय और चुनाव आयोग जैसी संवैधानिक संस्थाओं पर दोषारोपण कर रहे हैं. यह देश की पहली घटना होगी जब कोई मुख्यमंत्री ऐसी बेतुकी दलीलें पेश कर संवैधानिक संस्थाओं को कटघरे में खड़ा कर रहा है, यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण और शर्मनाक है.

राठौड़ ने एक बयान जारी कर कहा कि कोरोना संक्रमण फैलने के बाद अब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का बयान 'पर उपदेश कुशल बहुतेरे, जे आचरहिं ते नर न घनेरे' को चरितार्थ कर रहा है यानी दूसरों को उपदेश देना तो बहुत आसान है, लेकिन स्वयं उन उपदेशों पर अमल करना कठिन है. शायद मुख्यमंत्री जी भूल गए हैं कि राजस्थान विधानसभा उपचुनावों में नरेगा और दूसरे मजदूरों की भीड़ लाकर कांग्रेस प्रत्याशियों की विशाल नामांकन रैलियां शुरू करने का काम तो खुद उन्होंने ही प्रारंभ किया था.

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राठौड़ ने कहा कि मुख्यमंत्री गहलोत उच्च न्यायालय, सर्वोच्च न्यायालय और चुनाव आयोग जैसी संवैधानिक संस्थाओं के खिलाफ जिस तरह की शब्दावली का प्रयोग कर रहे हैं, वह मुख्यमंत्री पद की गरिमा का अपमान है. राजस्थान में चुनाव प्रचार के साथ ही बाहर असम में भी रैलियों को संबोधित कर कोविड गाइडलाइन्स का खुद उल्लंघन करने वाले मुख्यमंत्री का अब यह वक्तव्य संवैधानिक संस्थाओं को कुचलने वाला व हास्यापद है.

राठौड़ ने कहा कि मुख्यमंत्री गहलोत की ओर से सोशल मीडिया पर महज बयानबाजी करने से कोरोना संक्रमण की भयावहता खत्म नहीं होगी इसके लिए राज्य सरकार के मुखिया को अनर्गल आरोप-प्रत्यारोप लगाने की बजाय कोरोना रोकथाम के लिए ठोस और प्रभावी रणनीति के तहत काम करना होगा.

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