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गहलोत के मोदी को लिखे पत्र पर भड़के राजेंद्र राठौड़, कहा-रोज नए फार्मूला लाकर बहाना ना बनाएं

प्रतिपक्ष के उपनेता राजेन्द्र राठौड़ ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के राज्य में पेट्रोल-डीजल के भाव कम करने मंशा पर सवाल उठाए हैं. राठौड़ ने गहलोत की ओर से पीएम मोदी को पत्र लिख एक्साइज ड्यूटी कम करने की मांग पर कटाक्ष करते हुए कहा है कि वह रोज नए फार्मूला लाकर बहाना बनाने की बजाय वैट कम करें.

Rajendra Rathore reply to Ashok Gehlot
Rajendra Rathore reply to Ashok Gehlot

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Published : Nov 9, 2021, 4:47 PM IST

जयपुर. प्रदेश में पेट्रोल-डीजल पर वैट की दरों में कमी के मामले में सियासी उबाल आ गया है. हाल ही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रधानमंत्री को पत्र लिख एक्साइज ड्यूटी में और कमी की मांग की. इसके बाद प्रतिपक्ष के उपनेता राजेन्द्र राठौड़ ने वक्तव्य जारी कर यह कह दिया कि सीएम गहलोत प्रतिदिन नए गणितीय फार्मूला लाकर वैट में कमी नहीं करने का बहाना बनाने के बजाय जनता को राहत देने के बारे में फैसला लें.

मंगलवार को राठौड़ ने इस मामले में ट्वीट कर गहलोत पर निशाना साधा. राठौड़ ने गहलोत के पीएम नरेंद्र मोदी को लिखे पत्र पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि पेट्रोल-डीजल पर वैट की दरों में कमी नहीं करने को लेकर मुख्यमंत्री जी का बार-बार वक्तव्य देना यह स्पष्ट करता है कि देश में सबसे महंगा पेट्रोल-डीजल मिलने वाले राजस्थान में वैट की दरों में कमी करने की मुख्यमंत्री की कोई मंशा नहीं है.

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राठौड़ ने कहा कि मुख्यमंत्री के पत्र में यह कहना कि केन्द्र सरकार के पेट्रोल पर 5 रुपए और डीजल पर 10 रुपए एक्साइज ड्यूटी कम करने से राजस्थान को वैट में आनुपातिक रूप से कमी के कारण राज्य को प्रतिवर्ष 1800 करोड़ रुपए की हानि हो रही है. यह एक तरह से केन्द्र सरकार की ओर से देश की जनता को बढ़ती महंगाई से राहत देने के लिए एक्साइज ड्यूटी में की गई ऐतिहासिक कमी का अपरोक्ष विरोध है.

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गहलोत सरकार के कार्यकाल में इस तरह बढ़ती गई वैट की दर

राठौड़ ने कहा कि मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में 29 जनवरी 2021 को ऊंट के मुंह में जीरा समान पेट्रोल-डीजल पर 2% वैट कम करके राज्य की जनता को राहत देकर 1 हजार करोड़ रुपए राजस्व हानि का उल्लेख तो कर दिया, लेकिन उसके साथ ही उन्हें यह भी सार्वजनिक रूप से उल्लेख करना चाहिए था कि उनकी ही सरकार के शासन में पहली बार 5 जुलाई 2019 को पेट्रोल-डीजल पर 4% वैट बढ़ाया, इसके बाद 21 मार्च 2020 को फिर 4% वैट बढ़ाया. इसके बाद 15 अप्रेल 2020 को पेट्रोल पर 2% वैट और डीजल पर 1% बढ़ाया और फिर 7 मई 2020 को पुनः पेट्रोल पर 2% वैट और डीजल पर 1% बढ़ाया यानी अपने शासनकाल में पेट्रोल पर कुल 12% व डीजल पर 10% वैट बढ़ाकर राजस्थान को सर्वाधिक वैट वसूलने वाले राज्य की श्रेणी में लाकर देशभर में नया कीर्तिमान स्थापित किया.

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राठौड़ ने कहा कि वर्तमान में प्रदेश में सबसे ज्यादा पेट्रोल पर 36% और डीजल पर 26% वैट वसूला जा रहा है जबकि पूर्ववर्ती भाजपा शासन के समय डीजल पर वैट 18% और पेट्रोल पर वैट 26% ही था. केन्द्र सरकार द्वारा एक्साइज ड्यूटी में कमी के बाद जब राज्यों की बारी आई तो अकेले राजस्थान के मुख्यमंत्री हठधर्मिता पर अड़े हैं और स्वयं वैट करने की जगह केन्द्र सरकार को पत्र लिखकर लगातार नसीहत दे रहे हैं. इससे सिद्ध हो गया है कि राज्य सरकार पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों पर सिर्फ घड़ियाली आंसू ही बहा रही थी.

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