जयपुर.राजस्थान विधानसभा में उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने वक्तव्य जारी कर कहा कि गहलोत सरकार के खिलाफ अपनी मांगों को लेकर विभिन्न समाजों के लोग सड़कों पर धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं. लेकिन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत व उनका मंत्रिमंडल आंखें बंद कर सत्ता के मद में चूर है.
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राठौड़ ने एक बयान जारी कर कहा कि ब्राह्मण समाज और साधुसंत विप्र कल्याण बोर्ड का वादा याद दिलाने के लिए सड़कों पर बैठे हुए हैं. वहीं जैन समाज के लोग 25 अप्रैल महावीर जयंती के दिन रीट की परीक्षा नहीं करने के लिए धरने पर बैठे हैं. विभिन्न भर्ती प्रक्रियाओं को लेकर बेरोजगार युवा हताश है, आंदोलनरत है. अल्पसंख्यक वर्ग के लोग भी अपना असंतोष सरकार के आगे रख रहे हैं, लेकिन इन सभी गंभीर मुद्दों को लेकर मुख्यमंत्री और उनके मंत्रिमंडल के पास इन लोगों से मिलने तक का समय नहीं है. जो बेहद दुर्भाग्यपूर्ण व बहुत गम्भीर विषय है.
राठौड़ ने कहा कि ब्राह्मण समाज व साधु संत जयपुर स्थित सिविल लाइंस फाटक पर अपनी मांगों को लेकर धरने पर बैठे हैं और पचास मीटर दूर ही मंत्रियों के बंगले हैं, लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण है कि इसके बावजूद उन्होंने इनसे मिलना तक उचित नहीं समझा जा रहा है. जनघोषणा पत्र में विप्र कल्याण बोर्ड का गठन करने का वादा करने वाली सरकार ने 26 माह गुजरने के बाद भी इसका गठन नहीं किया. ब्राह्मण समाज को वर्ष 2021 में राज्य के बजट सत्र में विप्र कल्याण बोर्ड के गठन की घोषणा की पूरी उम्मीद थी. लेकिन सरकार ने तब भी कोई घोषणा नहीं की जिससे समाज में असंतोष व्याप्त है.