जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के जयपुर में 'प्रेस से मिलिए' कार्यक्रम (CM Ashok Gehlot Press Conference) के दौरान केंद्र सरकार सहित पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह पर जमकर निशाना साधा. मोदी और शाह को लेकर उनकी टिप्पणी पर प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़ ने पलटवार (Rajendra Rathore Target CM Gehlot) किया है.
राठौड़ ने मुख्यमंत्री की इन टिप्पणियों को बेबुनियाद बताते हुए दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया है. साथ ही उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री इस प्रकार की अनर्गल बयानबाजी करके अपनी नाकामियों पर पर्दा डालते हैं, यह उनकी पुरानी आदत है.
गहलोत सरकार पर साधा निशाना
राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि गहलोत संवैधानिक संस्थाओं के दुरुपयोग और पेगासस जासूसी मामले को लेकर केन्द्र सरकार पर सवालिया निशान खड़ा कर रहे हैं. जबकि खुद उनकी अगुवाई में वर्ष 2020 में भारतीय टेलीग्राफ अधिनियम 1885 की धारा 5 (2) और भारतीय टेलीग्राफ नियम 1951 की धारा 419 (A) को धता बताकर सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग किया गया और जनप्रतिनिधियों का फोन टैप किया गया था.
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2020 में 16 विधायकों को जारी हुआ था नोटिस
राठौड़ ने कहा कि वर्ष 2020 में जब कांग्रेस में अंतर्कलह चरम पर थी और सरकार पांच सितारा होटल में कैद रही. उस समय मुख्यमंत्री निवास से सुनियोजित साजिश के तहत कूटरचित ऑडियो जारी किया था. इसी कूटरचित ऑडियो के आधार पर तत्कालीन सरकारी मुख्य सचेतक ने दिनांक 10 जुलाई 2020 को FIR दर्ज करवाई थी. जिसमें राज्य के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट, मंत्री विश्वेन्द्र सिंह और कांग्रेस विधायक भंवर लाल शर्मा सहित 16 विधायकों को नोटिस भी जारी किया गया था.
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केन्द्र सरकार को बदनाम करने की साजिश
राठौड़ ने कहा कि राजस्थान विधानसभा में सरकार से पूछे गए सवाल के जवाब में भी जनप्रतिनिधियों के टेलीफोन टैपिंग (Phone Tapping of Public Representatives) की बात पर सरकार ने स्वीकार की थी. वहीं खुद सत्तारूढ़ दल के विधायकों ने 6 बार फोन टैप कराने, एसीबी से ट्रेप करवाने और उनकी जासूसी कराए जाने को लेकर अपनी ही सरकार पर सार्वजनिक तौर पर आरोप लगाया था. मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में केन्द्र सरकार के खिलाफ झूठी बयानबाजी करके और राहुल गांधी जैसे नेता को बुद्धिमान बताकर दिल्ली आलाकमान के समक्ष अपने नंबर बढ़ाने के सिवाय कुछ नहीं किया है. राजस्थान में कांग्रेस पार्टी खुद भारी अंतर्कलह से जूझ रही है और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत एक विशेष एजेंडे के तहत केन्द्र सरकार को बदनाम करने की साजिश में लगे हुए हैं.
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राज्यपाल मलिक ने अंडरस्टैंडिंग से दिया है बयान : गहलोत
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सोमवार को सरकार के तीन साल पूरे होने और पिंकसिटी प्रेस क्लब में 'प्रेस से मिलिए' कार्यक्रम में शामिल हुए (CM Gehlot talk with press). इसमें गहलोत अपने चिरपरिचित अंदाज में मीडिया से रूबरू हुए. कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सत्यपाल मलिक के बयान पर कहा कि गृहमंत्री अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बारे में राज्यपाल सतपाल मलिक ने जिन शब्दों का प्रयोग किया है, वह उनका इस्तेमाल नहीं कर सकते है. लेकिन उन्हें लगता है कि राज्यपाल सतपाल मलिक ने पीएम मोदी से अंडरस्टैंडिंग के तहत यह बयान दिया है.