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सदन में मंत्री गप्पे मारते हैं...फिर शून्यकाल का क्या औचित्य हैः राजेंद्र राठौड़

विधानसभा के शून्यकाल के दौरान प्रतिपक्ष उपनेता राजेंद्र राठौड़ ने खड़े होकर सत्ता पक्ष के मंत्रियों और विधायकों पर आरोप लगाए और यह भी कह दिया कि शून्यकाल में अगर यह स्थिति रहेगी तो फिर शून्यकाल का क्या औचित्य है.

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Published : Mar 10, 2021, 3:33 PM IST

सदन में बोले राजेंद्र राठौड़, ajasthan Legislative Assembly
सदन में बोले राजेंद्र राठौड़

जयपुर. विधानसभा के शून्यकाल के दौरान सदन में मंत्रियों को मौजूद रहने और बेवजह की चर्चा ना करने के निर्देश स्पीकर ने दिए थे. आसन से स्पीकर सीपी जोशी के जाने के कुछ ही देर बाद मंत्रियों के आपस में चर्चा करने को लेकर ही सदन में हंगामा हो गया. शून्यकाल में राजेंद्र राठौड़ ने यह तक कह दिया कि आपकी मौजूदगी में सदन में मंत्री एक दूसरे से गप्पे लड़ा रहे हैं.

मंत्रियों को लेकर सदन में बोले राजेंद्र राठौड़

सदन में जिस समय यह घटना हुई तब आसन पर सभापति डॉ. जितेंद्र सिंह मौजूद थे. इस दौरान प्रतिपक्ष उपनेता राजेंद्र राठौड़ ने खड़े होकर सत्ता पक्ष के मंत्रियों और विधायकों पर आरोप लगाए और यह भी कह दिया कि शून्यकाल में अगर यह स्थिति रहेगी तो फिर शून्यकाल का क्या औचित्य है. हालांकि, जवाब में परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने खड़े होकर कहा कि राठौर साहब बेवजह के मुद्दे बना रहे हैं, विपक्ष के पास बोलने को कोई सामान ही नहीं है.

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खाचरियावास ने यह भी कहा कि विपक्ष के कितने विधायक सदन में मौजूद हैं यह भी गिन लीजिए. ऐसे में भाजपा के सभी विधायक खड़े हो गए और राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि आप गिनती करवा लीजिए इस सदन में भाजपा के विधायक ज्यादा हैं या सत्तारूढ़ कांग्रेस के. राठौड़ ने यह भी कहा कि यदि सत्तारूढ़ दल के विधायक और मंत्री शून्यकाल को लेकर गंभीर नहीं हैं तो फिर क्या हम यहां से बाहर चले जाएं. इस बीच सभापति डॉ. जितेंद्र सिंह ने दोनों पक्षों को शांत करवाया फिर दोबारा सदन की कार्यवाही शुरू की.

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