जयपुर.प्रदेश के बजट में घोषित शहरी क्षेत्रों के लोगों को हर वर्ष 100 दिवस का रोजगार सुनिश्चित कराने कि इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना पर भाजपा ने सवाल खड़े किए हैं. प्रतिपक्ष के उपनेता राजेन्द्र राठौड़ ने कहा कि बजट की घोषणा करके सरकार ने वाहवाही तो लूट ली लेकिन अन्य बजट घोषणाओं की तरह यह घोषणा भी छलावा ही साबित हुई (Rathore On Gehlot Government U turn). राठौड़ ने कहा कि लाखों युवाओं को सुनहरे भविष्य की गारंटी देने के वादे से सरकार अब यू टर्न ले रही है.
गुरुवार देर शाम एक बयान जारी कर राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना में सरकार ने शहरी क्षेत्रों में नगरीय निकायों में जिन पदों व मानदेय पर भर्तियां निकाली थी अब उन पदों और मानदेय को कम करके लाखों युवाओं के सपनों के साथ खिलवाड़ किया गया है. राठौड़ ने कहा स्वायत शासन विभाग ने मई माह में 7 प्रकार के पदों पर जिनमें वरिष्ठ तकनीकी सहायक, कनिष्ठ तकनीकी सहायक, लेखा सहायक, शहरी रोजगार सहायक, एमआईएस मैनेजर, मशीन विद मैन और मल्टी टास्क वर्कर की भर्ती निकाली थी. इसमे लाखों बेरोजगार युवाओं ने आवेदन भी किया लेकिन बाद में भर्ती पर वित्त विभाग ने रोक लगाई. जब रोक हटाई तो भर्ती में वरिष्ठ तकनीकी सहायक का पद ही विलोपित कर दिया गया और विभिन्न पदों पर मानदेय भी 50% कम कर दिया गया.