जयपुर. राजेंद्र राठौड़ ने स्थगन प्रस्ताव के जरिए डीडवाना युवती गैंगरेप का मामला (Woman Crime in Rajasthan) उठाते हुए कहा कि इस मामले में 6 फरवरी को पुलिस ने संदिग्ध व्यक्ति सुरेश को थाने में बुलाया और पूछताछ शुरू की. लेकिन कुछ ही देर में एक लग्जरी गाड़ी में आइदान नामक एक व्यक्ति सहित कुछ लोग आए और आरोपी को रिहा करा कर ले गए. इस दौरान पुलिस की पूछताछ भी अधूरी रही, लेकिन जब मामला मीडिया में सुर्खियों में आया तो 10 तारीख को इसी व्यक्ति सुरेश को पुलिस ने पकड़ा, जिस पर उसने कबूल किया कि युवती को मारने के इरादे से हमला करके गांव में पटक दिया.
राठौड़ ने कहा कि पीड़ित महिला 6 दिन तक तड़पती रही और फिर दम तोड़ दिया. पुलिस ने जिस दिन सुरेश को पकड़ा था, उसी दिन सख्ती से पूछताछ करती तो शायद यह नौबत नहीं आती. राजेंद्र राठौड ने कहा कि सरकार ने इस मामले में एक सीआई और हेड कांस्टेबल को निलंबित किया, जबकि जो लोग आरोपी को छुड़ाकर लेकर गए थे, उनके खिलाफ (Rathore Demanded for Punishment in Nagaur Gang Rape Case) कोई कार्रवाई नहीं की गई. राठौड़ ने कहा कि कानून के मुताबिक इन लोगों के ऊपर भी मुकदमा दर्ज होना चाहिए और इस मामले में जो अन्य लोग अब तक पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं, उनके भी चेहरे बेनकाब होना चाहिए.