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राजेंद्र राठौड़ ने स्वास्थ्य विभाग को लिखा पत्र, GNM-ANM को नियुक्ति देने की मांग - जीएनएम और एएनएम

उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव को पत्र लिखा है. इसमें उन्होंने जीएनएम भर्ती-2018 में चयनित हुए दिव्यांग नर्सेज को नियुक्ति देने के साथ ही जीएनएम और एएनएम के करीब 12 हजार कार्मिकों की नियुक्ति देने की मांग की है.

चयनित दिव्यांगों की नियुक्ति, Rajasthan News
उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने प्रदेश सरकार से जीएनएम और एएनएम की भर्ती की मांग की

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Published : May 4, 2020, 4:50 PM IST

जयपुर. उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने प्रदेश सरकार से जीएनएम भर्ती-2018 में चयनित हुए दिव्यांग नर्सेज को नियुक्ति देने के साथ ही जीएनएम और एएनएम के करीब 12 हजार कार्मिकों की नियुक्ति देने की मांग की है. वहीं, राठौड़ ने चूरू मेडिकल कॉलेज में शुरू की गई लैब में कोरोना वायरस की रिपोर्ट में देरी और लापरवाही के संबंध में जांच की मांग भी की है. राजेंद्र राठौड़ ने इस संबंध में स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव को पत्र भी लिखा है.

उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव को लिखा पत्र

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उपनेता प्रतिपक्ष ने पत्र के माध्यम से बताया कि विभाग द्वारा 28 अप्रैल, 2020 को 4800 पदों पर जीएनएम पोस्टिंग लिस्ट जारी की गई थी. लेकिन, दिव्यांगों को आरक्षित 4 फीसदी के आधार पर उन्हें अभी तक नियुक्ति नहीं मिल पाई है. कोरोना संकट से जंग में दिव्यांग भी सरकार की मदद में सहयोग करना चाहते हैं. साथ ही राठौड़ ने कहा कि कोरोना महामारी को देखते हुए चिकित्सा विभाग 4800 पदों पर 4 प्रतिशत के आधार पर 193 दिव्यांगों सहित जीएनएम-एएनएम के कार्मिकों को नियुक्ति दे, जिससे प्रदेश को कोरोना से मुक्त किया जा सके.

कोरोना जांच में देरी को बताया चिंताजनक, जांच की मांग की

उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने चिकित्सा विभाग को चूरू मेडिकल कॉलेज में हाल ही में शुरू की गई कोरोना सैंपल से जुड़ी लैब की रिपोर्ट में देरी और लापरवाही को लेकर भी आगाह किया है. राठौड़ ने अपने पत्र में लिखा कि राज्य सरकार जहां एक ओर कोविड-19 के 10 हजार नमूने प्रतिदिन जांच करने का दावा करती है. वहीं, 6 हजार से अधिक जांचों का 72 घंटे से अधिक समय तक लंबित होना बेहद चिंतनीय है. राठौड़ ने मीडिया में इस तरह के मामले प्रकाशित होने पर अफसोस भी जताया और मेडिकल कॉलेज में उच्चस्तरीय अध्ययन दल भेजकर कार्यप्रणाली की जांच करवाए जाने की मांग की.

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