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अपने आकाओं को खुश करने के लिए सरकार कृषि कानून लेकर आई है: राजेंद्र राठौड़ - rajasthan legislative assembly session

जयपुर में शनिवार को विधानसभा सत्र में कृषि कानून लेकर सरकार की ओर से जो कानून बनाए गए हैं, उन्हें निरस्त करने का प्रस्ताव पेश किया गया है. इसी के तहत राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि केंद्र सरकार ने किसानों की दशकों पुरानी मांग को देखते हुए यह कृषि कानून बनाया है.

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राजेंद्र राठौड़ शनिवार को विधानसभा की कार्रवाई में भाग लेने के लिए पहुंचे

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Published : Oct 31, 2020, 3:41 PM IST

जयपुर. किसान को लेकर केंद्र सरकार ने जो कानून बनाए हैं उन्हें निरस्त करने का प्रस्ताव शनिवार को विधानसभा में पेश किया गया है. जिसपर राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि केंद्र सरकार ने किसानों की दशकों पुरानी मांग को देखते हुए यह कृषि बिल बनाया है. साथ ही उन्होंने कहा कि किसान अपनी फसल का मालिक है और वह जिसे चाहे जब चाहे कहीं भी अपनी फसल को दे सकता है.

राजेंद्र राठौड़ शनिवार को विधानसभा की कार्रवाई में भाग लेने के लिए पहुंचे

उनका कहना है कि सरकार ने किसानों पर मंडी कर और मंडी फीस फिर से लादने का काम किया है. जबकि केंद्र सरकार ने किसानों को मंडी कर और मंडी फीस से मुक्त कर दिया था. राठौड़ ने कहा कि प्रदेश सरकार जो कृषि बिल लेकर आई है वह वैधानिक रूप से लागू होना संभव नहीं है. साथ ही उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति ने 24 सितंबर को तीनों कृषि बिलों पर हस्ताक्षर करके उसे प्रचारित कर दिया है.

अब प्रदेश की सरकार किसानों को गुमराह करने और विधानसभा का समय जाया करने के अलावा कुछ भी नहीं कर रही है, जिसका हम पुरजोर विरोध करेंगे. वहीं शनिवार को जब यह बिल पेश किया गया तब भी इसका विरोध किया गया था. जिसपर राठौड़ का कहना है कि हम सदन से सड़क तक बिलों का विरोध करेंगे.

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कांग्रेस का कहना है कि कृषि राज्य का विषय होता है और उसे कानून बनाने का अधिकार है. इस पर राठौड़ ने कहा कि सोमवार को होने वाली बहस में यह बात भी हम सिद्ध कर दिया जाएगा. साथ ही उन्होंने कहा कि आर्टिकल 254 (2) साफ तौर पर कहता है कि संसद को कानून बनाने का संवैधानिक अधिकार है. राठौड़ ने कहा कि सरकार केवल अपने आकाओं को खुश करने के लिए यह कृषि बिल लेकर आई है.

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