जयपुर. राजस्थान विधानसभा में शून्यकाल के दौरान प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़ और भाजपा विधायक संदीप शर्मा ने प्रदेश में जहरीली शराब से हो रही मौतों का मामला उठाया. साथ ही उन्होंने इस कारोबार को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाने की मांग की. प्रदेश में इसके लिए नवजीवन योजना को प्रभावी ढंग से लागू करते हुए इस व्यवसाय में जुड़े लोगों के पुनर्वास की भी मांग की.
राजेंद्र राठौड़ ने उठाया जहरीली शराब से मौत का मामला शून्यकाल में उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने स्थगन के जरिए यह मामला उठाते हुए सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि जब तक अवैध शराब के कारोबारियों पर सरकार शिकंजा नहीं कसेगी, तब तक यह स्थिति बढ़ती जाएगी. राठौड़ ने कहा कि जहां से इस कारोबार का उद्गम होता है, वहां पर पहुंचकर इस पर नकेल कसी जानी चाहिए.
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अवैध शराब पर की गई कार्रवाई का रखा ब्यौरा
इस दौरान राठौड़ ने विभाग की ओर से 1 सप्ताह में अवैध शराब पर की गई कार्रवाई का ब्यौरा भी सदन में रखा. उन्होंने कहा कि जब 1 सप्ताह में 33 लाख 52 हजार लीटर से अधिक अवैध शराब पकड़ी जा सकती है तो यह माना जा सकता है कि पूरे राजस्थान में ये कारोबार किस प्रकार से फल-फूल रहा है.
'करीब 70 हजार परिवार इस काम में लिप्त हैं'
राठौड़ ने मीडिया की ओर से इस अभियान के दौरान किए गए स्टिंग ऑपरेशन और खबरों का भी जिक्र किया, जिसमें अभियान के दौरान ही कई इलाकों में अवैध शराब बेची जानी और बनाए जाने का कारोबार चल रहा था. राठौड़ ने कहा कि बीते 3 साल से प्रदेश में इस कारोबार से जुड़े परिवारों का कोई सर्वे नहीं हुआ, लेकिन 3 साल पहले जो सर्वे कराया गया था उसमें सामने आया था कि करीब 70 हजार परिवार इस प्रकार के काम में लिप्त हैं, जिन्हें नवजीवन योजना से जोड़ा जाना चाहिए.
अवैध कारोबार को मान रहा कुटीर उद्योग
राजेंद्र राठौड़ के अनुसार आज प्रत्येक गांव में कोई ना कोई परिवार इस अवैध कारोबार को कुटीर उद्योग मानकर चला रहा है. 18 जिलों की सर्वे रिपोर्ट सरकार के पास है. ऐसे में प्रदेश सरकार को नवजीवन योजना की बैठक कर इसे प्रभावी रूप से राजस्थान में लागू करना चाहिए ताकि इन परिवारों को अन्य काम धंधों में जोड़ कर उनका पुनर्वास हो सके.
पुलिस और आबकारी विभाग को जानकारी है: संदीप शर्मा
शून्यकाल में ही भाजपा विधायक संदीप शर्मा ने स्थगन के जरिए इस मामले को उठाते हुए कहा कि जिन विभागों की नाक के नीचे यह पूरा कारोबार होता है, उसी पुलिस और आबकारी विभाग को यह संपूर्ण जानकारी होती है कि किस जगह यह कारोबार चल रहा है. अवैध शराब बनाने के लिए किन-किन चीजों का इस्तेमाल उसमें किया जा रहा है, लेकिन कार्रवाई के नाम पर केवल फौरी तौर पर कार्रवाई की जाती है और वापस यह धंधे वहीं पर शुरू हो जाते हैं.
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संदीप शर्मा ने कोटा के अमृत कुआं क्षेत्र में कच्ची शराब के अवैध कारोबार का भी जिक्र किया. साथ ही कहा कि जब तक इन परिवारों का पुनर्वास नहीं होगा, तब तक यह अवैध शराब का कारोबार चलता रहेगा. इसके लिए जरूरी है कि इससे जुड़े हुए संबंधित विभाग सख्ती से कार्रवाई करें और नवजीवन योजना के तहत इन परिवारों का पुनर्वास करवा कर इन्हें दूसरे कामों में रोजगार दें.