जयपुर. राजस्थान विधानसभा में पुलिस और कारागार विभाग की अनुदान मांगों पर बोलते हुए उदयपुरवाटी से विधायक राजेंद्र गुढ़ा ने जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों की पोल खोल दी. गुढ़ा ने यह तक कह दिया कि अब पैसे देकर तो टिकट लेते हैं और चुनाव लड़ते हैं और पैसे देकर ही वोट लेते हैं. ऐसे में भ्रष्टाचार से जुड़ी बातें करने का कोई मतलब नहीं, क्योंकि यह ठीक वैसा ही है जैसे सांपों की मीटिंग में जीभ लप लपाना हो.
हमारी तो शुरुआत ही उस पार्टी से जहां भ्रष्टाचार
राजेंद्र गुढ़ा ने कहा कि चुनाव आयोग गेम बनाता है. चुनाव में इससे ज्यादा राशि खर्च नहीं होगी, लेकिन एक दो परसेंट लोगों को छोड़ दो तो बाकी के सब और हम तो इस नियमों का उल्लंघन करते हैं. राजेंद्र गुढ़ा ने यह भी कहा कि हम जिस पार्टी से जीत कर आए हैं उसकी शुरुआत तो भ्रष्टाचार से हुई है और आप दूसरी पार्टियां भी उसी राह पर चल रही हैं. गुढ़ा ने कहा पैसे लेकर टिकट लेते हैं और पैसे देकर वोट भी लेते हैं. ऐसे में हमें इस बारे में बोलने का अधिकार है या नहीं क्योंकि बोलने वाला वह हो जो कभी भ्रष्टाचार में लिप्त ना हो ऐसे में यह भी सोचना जरूरी है.
जनप्रतिनिधियों के साथ अधिकारियों पर भी लगाए भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप
राजेंद्र गुढ़ा ने सदन में बोलते समय ना नेताओं को छोड़ा और ना ही अधिकारियों को छोड़ा. राजेंद्र गुढ़ा ने कहा कि सबको पता है कि मंत्रियों में भी कितना भ्रष्टाचार रहता है फिर चाहे अभी के मंत्री हों या पिछली सरकार के हों. इस बीच सदन में मौजूद कुछ विधायकों ने नाम बताने को कहा तो राजेंद्र गुढ़ा ने कहा 1-1 का नाम बता दूंगा पिछले और अभी के मंत्रियों का किस-किस ने भ्रष्टाचार किया. राजेंद्र राठौड़ ने यह भी कहा की हम तो जनता की परीक्षा पास करके जीतकर आते हैं, लेकिन हमारी पंचवर्षीय योजना है जो पैसा 5 साल बाद चुनाव में भी खर्च हो जाता है, लेकिन जो सामने रेल में बैठे अधिकारी हैं उनकी तो 35 वर्षीय योजना है और उसमें भी केवल पैसों का इनकमिंग ही इनकमिंग है. गुढ़ा ने यह भी कहा कि मैं ऐसे कई आईपीएस और आईएएस अधिकारियों को जानता हूं जिन्होंने आज करोड़ों की संपत्तियां बना ली. राजेंद्र गुढ़ा ने कहा कि आज एक-एक आईपीएस एक-एक हजार करोड़ का आदमी है.
जेल प्रहरी तो बीपीएल हैं, जेल केवल कमजोर लोगों के लिए है
सदन में चर्चा के दौरान राजेंद्र गुढ़ा ने यह भी कहा कि आप सब तो भ्रष्टाचार और जेल के मामले में सुनी सुनाई बातें करते हैं, मैं अनुभव के आधार पर बताता हूं कि मैं कुछ मामले में जेल के भीतर भी हो कर आया हूं. राजेंद्र गुढ़ा ने यह कहा कि कमजोर लोगों के लिए ही केवल जेल होती है, लेकिन प्रभावशाली और पैसे वालों के लिए जेल में जेल नहीं होती. राजेंद्र गुढ़ा ने कहा की जेल प्रहरी और होमगार्ड यह बीपीएल होते हैं. ऐसे में भ्रष्टाचार पर बहस का कोई औचित्य नहीं है.