जयपुर. गहलोत सरकार में मंत्री राजेंद्र गुढ़ा को अपनी साफगोई के लिए जाना जाता है. यही कारण है कि उनके मुंह में जो भी आता है, वह अपनी बात खुले में मीडिया के सामने रखने में भी नहीं कतराते. शक्रवार को भी यही हुआ और राजस्थान कांग्रेस मुख्यालय में पहली बार जनसुनवाई करने आए (Jaipur Congress Public Hearing) मंत्री राजेंद्र गुढ़ा जनसुनवाई में कम संख्या में आए लोगों को देख न केवल कांग्रेस की जनसुनवाई पर सवाल खड़े कर गए, बल्कि कांग्रेस कल्चर पर भी उन्होंने सवाल खड़े कर दिए.
सैनिक कल्याण मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) राजेंद्र गुढ़ा ने कहा कि हम लोग जिन्होंने कांग्रेस की सरकार बचाई, हमें कांग्रेस के कल्चर का पता नहीं. हम तो हमारे हिसाब से ही काम करते हैं. गुढ़ा ने कहा कि हम चाहे अपने जिलों में जाएं या आवास पर जनसुनवाई करें, लेकिन उस जनसुनवाई में हजारों की तादाद में लोग आते हैं. लेकिन आज प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में जो जनसुनवाई हो रही है, उसमें संख्या को लेकर (Minister Gudha on Congress Culture) मुझे हल्का लग रहा है. क्योंकि हम अकेले ही जब जनसुनवाई करते हैं तो 500-1000 लोगों की जनसुनवाई करते हैं. जबकि प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय पर आई लोगों की संख्या काफी कम है.
राजेंद्र गुढ़ा ने कहा कि जनसुनवाई से लोगों को फायदा तो हो सकता है, लेकिन इसमें हम मंत्रियों को चाहिए कि आईएएस व आईपीएस हो या नौकरशाही का कोई भी अधिकारी, उसे टाइम बाउंड तरीके से काम करने के लिए कहना होगा. लोगों के काम करने के लिए रिक्वेस्ट करने से काम नहीं चलेगा. गुढ़ा ने कहा कि ब्यूरोक्रेसी की लगाम जैसे मैं खींच कर रखता हूं, वैसे ही सबको खींच कर रखनी चाहिए, तभी जनता के काम होंगे.