UPSC रिजल्ट 2019 में राजस्थान के होनहारों ने फहराया परचम
यूपीएससी 2019 का फाइनल रिजल्ट में राजस्थान के होनहारों ने परचम फहराया. भारतीय प्रशासनिक सेवा परीक्षा सवाईमाधोपुर के शिवाड़ के अजय जैन ने 12वीं रैंक हासिल कर प्रदेश का मान बढ़ाया है. वहीं बीकानेर की परी विश्नोई ने 30वीं रैंक हासिल की है.
UPSC रिजल्ट 2019 में राजस्थान के होनहारों ने फहराया परचम
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Published : Aug 5, 2020, 2:36 AM IST
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Updated : Aug 5, 2020, 8:07 AM IST
जयपुर.यूपीएससी 2019 का फाइनल परिणाम घोषित कर दिया गया है. इस परीक्षा में प्रदेश के होनहारों ने भी अपना परचम फहराया. टॉप 100 में जहां भारतीय सवाईमाधोपुर के शिवाड़ के अजय जैन ने 12वीं रैंक हासिल कर प्रदेश का मान बढ़ाया है. वहीं बीकानेर जिले के नोखा की परी विश्नोई ने 30वीं रैंक हासिल कर प्रदेश का मान बढ़ाया. वहीं जयपुर के शिशिर गुप्ता ने 50 वी रैंक प्राप्त की. जबकि चूरू की ऐश्वर्य श्योराण ने 93वीं रैंक हासिल की.
प्रदेश के होनहारों में राजधानी सहित अलवर, दौसा और भरतपुर के छात्रों ने भी अपना नाम दर्ज कराया. अलवर के मयूर खंडेलवाल ने 106वीं रैंक हासिल की. दौसा की अनामिका मीणा को 116वीं रैंक मिली. अनामिका मीणा की ही सगी बहन अंजलि मीणा ने भी यूपीएससी क्रैक किया, और 494वीं रैंक हासिल की. जबकि राजधानी के विपुल खन्ना को 129वीं रैंक मिली.
वहीं जयपुर की ही अनुकृति शर्मा ने 138वीं रैंक पर काबिज हुई. उधर, भरतपुर के डीग निवासी चिराग जैन ने 160वीं रैंक प्राप्त की. वहीं पाली जिले के मारवाड़ उपखंड की बेटी मूमल राजपुरोहित 173 वीं रैंक पर काबिज हुई. इसके अलावा प्रदेश के अन्य कई जिलों के छात्रों ने भी यूपीएससी फाइनल रिजल्ट में अपनी जगह बनाई है.
अभ्यर्थी
रैंक
जिला
अंकुर जैन
205
करौली
निकास कुमार
234
झुंझुनू
प्रशांत शर्मा
247
जैसलमेर
सौरभ गोयल
324
जयपुर
डॉ. राजेंद्र राज पटेल
340
बाड़मेर
देवेंद्र प्रताप सिंह राठौड़
381
चूरू
अभिषेक पलासिया
421
अजमेर
सुनील सोलंकी
463
पाली
पवन कुमार मीणा
407
शांता मीणा
453
अभ्यर्थी
रैंक
जिला
सुमन नाला
508
हर्षुल मीणा
548
करौली
सुनीता मीणा
647
देवेंद्र प्रकाश
649
कृष्ण गोपाल
661
पंकज कुमार
666
गिरधारी लाल
674
अरविंद मीणा
676
दौसा
विवेश वर्मा
711
सीकर
योगेंद्र सिंह
716
भरतपुर
बता दें कि इन अभ्यर्थियों में सुनील सोलंकी किसान के बेटे हैं. जबकि देवेंद्र प्रताप सिंह राठौड़ के पिता कंपाउंडर पद पर कार्यरत हैं. इन उदाहरणों से ये स्पष्ट है कि शिक्षा को जाति या वर्ग में नहीं बांटा जा सकता, उस पर सभी का समान अधिकार है.