जयपुर.प्रदेश में पाकिस्तान से आने वाली टिड्डी दल से राजस्थान के सीमावर्ती इलाके बाड़मेर और जैसलमेर सबसे ज्यादा परेशान है. इन इलाकों में लगे फसलों को भी यह टिड्डी दल काफी नुकसान पहुंचा रहा है. वहीं, इसे लेकर राजस्थान सरकार की ओर से तमाम प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन उसके बावजूद भी अब जितनी कामयाबी प्रदेश सरकार को मिलनी थी उतनी नहीं मिल पाई है.
ईटीवी भारत की कृषि मंत्री लालचंद कटारिया से बातचीत वहीं, अब टिड्डी दल ने अपना रुख बदलकर राजस्थान से होते हुए गुजरात में भी कर लिया है. ऐसे में शुक्रवार को गुजरात के मंत्री की ओर से बयान दिया गया कि राजस्थान सरकार की ओर से टिड्डी दल के बचाव के लिए काम नहीं किया जा रहा है. जिसके कारण यह टिड्डी दल अब गुजरात पहुंच गया है और यहां पर नुकसान पहुंचा रहा है. वहीं, गुजरात के मंत्री के इस बयान पर राजस्थान के कृषि मंत्री लालचंद कटारिया ने कहा कि गुजरात में पहली बार टिड्डी दल का प्रवेश हुआ है. उन्होंने कहा कि इसी कारण गुजरात के मंत्री को यह पता नहीं है कि इस पर कार्रवाई राज्य सरकार के साथ केंद्र सरकार भी करती है.
पढ़ें- गुजरात से सांचोर की तरफ वापस लौटा टिड्डी दल, रबी की फसल को कर रहा बर्बाद
लालचंद कटारिया ने कहा कि यह कोई राजनीति का विषय नहीं है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान से आने वाले टिड्डी से राजस्थान के किसान परेशान है और अगर टिड्डी गुजरात जाता है तो यह भी परेशानी की बात है. कटारिया ने कहा कि ऐसे में गुजरात सरकार को चाहिए कि जिस तरीके से राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने केंद्र सरकार से अतिरिक्त सहयोग की मांग की है, उसी तरीके से वह भी केंद्र के सामने गुहार लगाए.
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने केंद्र सरकार के सहयोग से रोकथाम के प्रभावी प्रयास किए हैं. लेकिन उसके बावजूद सर्दी के मौसम में टिड्डी का आना चिंताजनक है. कटारिया ने कहा कि इससे पहले कभी ऐसा नहीं हुआ कि लगातार 6 महीने तक इस तरीके से टिड्डी दल का प्रवेश राजस्थान में हुआ हो.
पढ़ें- परेशान अन्नदाताः जालोर में टिड्डीयों का हमला, 2 दिन में 10 हजार हेक्टेयर फसल चट
कटारिया ने कहा कि केंद्र सरकार से अतिरिक्त संसाधनों की मांग के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है. हालांकि, उन्होंने यह जरूर स्वीकार किया कि जितना काम टिड्डी दल के लिए होना चाहिए था, संसाधनों और केंद्र सरकार के पर्याप्त सहयोग के नहीं होने के कारण उतना काम नहीं हो सका है. लेकिन राजस्थान की ओर से इसे लेकर पूरे प्रयास किए गए हैं.