जयपुर. राजस्थान में 18 जून को प्रवेश करने वाले मानसून की सुस्ती ने आमजन और किसानों की चिंता बढ़ा दी है. एक तरफ सूर्य के तीखे तेवर से अधिकांश शहरों में तापमान 40 डि्ग्री के पार चला गया है. तो दूसरी तरफ उमस भरी गर्मी ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया है. वहीं किसान भी फसलों को लेकर चिंतित नजर आ रहे हैं. मौसम विभाग की मानें तो मानसून की सुस्ती से ये इंतजार और भी लंबा हो सकता है. अभी परिस्थितियां मानसून के अनुकूल नहीं हैं. पाकिस्तान से आ रही पश्चिमी हवाओं के चलते मानसून सुस्त पड़ गया है. मानसून रेखा इन दिनों बाड़मेर, भीलवाड़ा और धौलपुर में स्थिर नजर आ रही है.
सैटेलाइट से ली गई ताजा तस्वीर, पूरे राजस्थान में नहीं दिख रहे बादल (सौ. RAPID IMD) मानसून ब्रेक की स्थिति
स्काईमेट वेदर रिपोर्ट के अनुसार फिलहाल पूरे उत्तर भारत में ब्रेक मानसून की स्थिति है. कम से कम अगले एक सप्ताह तक यही स्थिती रहने वाली है. उम्मीद जताई जा रही है कि 6 जुलाई के बाद मानसून फिर सक्रिय हो सकता है. जुलाई के पहले सप्ताह तक देश के प्रदेश में मानसून की कमजोर स्थिति जारी रहने की उम्मीद है. मौसम विज्ञान केन्द्र जयपुर की मानें तो अगले 5 दिन तक प्रदेश में मौसम शुष्क रहने की संभावना है.
किसानों की बढ़ी चिंता
मानसून की शुरूआत से पश्चिमी राजस्थान में बारिश के बाद अब ब्रेक मानसून स्थिति से कृषि पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा. खरीफ फसल की बुवाई लगभग पूरी हो चुकी है. फसलों को सिंचाई के लिए बारिश की दरकार है. प्रदेश के जोधपुर, बाड़मेर, जैसलमेर, बीकानेर, जालोर, पाली, राजसमंद, सिरोही और नागौर में किसान ज्यादा चिंतित हैं. खेतों में खड़ी फसलें बारिश की बाट जोह रही हैं लेकिन अभी तक पर्याप्त वर्षा नहीं हुई है. मेवाड़ और वागड़ में भी कमोबेश यही स्थिति है.
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शहरों में बढ़ता तापमान, गंगानगर में पारा 45 डिग्री के पार
मानसून सीजन में सूर्य के तीखे तेवर ने भी आमजन को परेशान कर दिया है. राजस्थान के 20 शहरों में पारा 40 डिग्री के आसपास जबकि 9 बड़े शहरों में पारा 40 से अधिक है. श्रीगंगानगर जिले में बीते दिन का तापमान सबसे अधिक 45.8 डिग्री दर्ज किया गया है. कोटा, पिलानी, धौलपुर, सवाई माधोपुर, जैसलमेर और यहां तक की राजधानी जयपुर में भी पारा 41 डिग्री से अधिक दर्ज किया गया है.