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Rajasthan Weather Update: शीतलहर की चपेट में राजस्थान, फसलों को हो रहा नुकसान

पूरा राजस्थान शीतलहर की चपेट में (Cold Wave In Rajasthan) है. शेखावटी अंचल के फतेहपुर में तापमान जमाव बिंदु से 3 डिग्री नीचे रहा और -3.3 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया. पाले की वजह से किसानों को फसलों के नुकसान का डर सताने लगा है.

Rajasthan Weather Update
शीतलहर की चपेट में राजस्थान

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Published : Dec 18, 2021, 11:18 AM IST

Updated : Dec 19, 2021, 10:13 AM IST

जयपुर.प्रदेश में कड़ाके की ठंड पड़ना शुरू हो गई (Cold Wave In Rajasthan) है. सर्दी ने रिकॉर्ड तोड़ दिया है. शेखावाटी अंचल में सबसे ज्यादा ठंड पड़ रही है. यहां फतेहपुर में माइनस 3.3 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया है. तापमान में गिरावट आने से कड़ाके की सर्दी और ठिठुरन बढ़ गई है. राजधानी जयपुर के विभिन्न इलाकों में भी वाहनों और फसलों पर बर्फ की परत जम गई है. कंपकपाती ठंड से बचाव के लिए लोग अलाव का सहारा ले रहे हैं.

मौसम विभाग (IMD on Rajasthan Weather) ने शुक्रवार के बाद से तेज कड़ाके की ठंड पड़ने और शीत लहर चलने की संभावना जताई थी. शनिवार सुबह हाड़ कंपाने वाली सर्दी ने लोगों का हाल बेहाल कर दिया. सर्दी से बचाव के लिए लोग अलाव का सहारा ले रहे हैं. सुबह लोग उठे तो वाहनों पर बर्फ की परत जमी हुई नजर आई. वहीं खेतों में किसानों की फसलों पर भी बर्फ जम गई.

पढ़ें-Mount Abu Shivers: शहर में न्यूनतम तापमान माइनस 3 तो गुरु शिखर पर -5 डिग्री सेल्सियस हुआ रिकॉर्ड

बर्फ से फसलों को नुकसान पहुंचने की आशंका को देखते हुए किसानों के चेहरों पर चिंता की लकीरें छा गई हैं. अपनी फसल को बचाने के लिए किसानों ने कई जतन करना शुरू कर दिया है. खेतों में घास फूस का धुंआ करके बर्फ को पिघलाकर फसल बचाने का प्रयास किया जा रहा है.

शीतलहर की चपेट में राजस्थान

सिरोही में ठंड का अटैक

सिरोही के माउंट आबू (Hill Station Mount Abu) में सर्दी थर्ड डिग्री टॉर्चर देखने को मिल रहा है. माउंट आबू में बीते दो दिनों से पारा जमाव बिंदु पर था तो शनिवार अलसुबह पारा जमाव बिंदु से तीन डिग्री नीचे (Mount Abu shivers at 3 degree celsius) दर्ज किया गया. वहीं, गुरु शिखर पर तापमान शून्य से 5 डिग्री नीचे दर्ज किया गया.


जोबनेर में पारा पहुंचा माइनस

इस सीजन में पहली बार जयपुर के जोबनेर में पारा माइनस 2 डिग्री दर्ज किया गया है. जोबनेर इलाके में सुबह बर्फ जमी हुई देखने को मिली है. सीकर, चूरू, फतेहपुर, माउंट आबू, पिलानी, गंगानगर, हनुमानगढ़ में पारा जमाव बिंदु के आस पास पहुंच चुका है. जयपुर का पारा 4.9 डिग्री सेल्सियस, सीकर का 0.7 डिग्री सेल्सियस, भीलवाड़ा में 1 डिग्री सेल्सियस, पिलानी में 1.9 डिग्री सेल्सियस, फतेहपुर का -3.3 डिग्री सेल्सियस, चूरू का -1.1 डिग्री सेल्सियस, गंगानगर का 1.1 डिग्री सेल्सियस, चित्तौड़गढ़ का 2.8 डिग्री सेल्सियस, डबोक का 4.8 डिग्री सेल्सियस न्यूनतम तापमान दर्ज हुआ है.

मौसम विभाग ने जारी किया अलर्ट

मौसम विभाग ने राजस्थान में शीतलहर की चेतावनी जारी (IMD on Rajasthan Weather) की है. जिसे लेकर कई जिलों में येलो और ऑरेंज अलर्ट (Yellow And Orange Alert By IMD) जारी किया गया है. मौसम विभाग ने इसे पश्चिम विक्षोभ के कम होते असर से जोड़ा है. मौसम विभाग ने शनिवार से ही शीत लहर और तेज ठंड पड़ने की संभावना जताई है. यही कारण है कि कई जगहों पर शीतलहर चलने जैसी स्थिति बन रही है. इसके साथ ही तापमान में गिरावट जारी है. ऐसे में शीतलहर से बचाव को लिए लोगों से तैयारी करने के लिए कहा गया है. प्रदेश के सीकर, झुंझुनू, अलवर, बीकानेर, चूरू, हनुमानगढ़, जैसलमेर, श्रीगंगानगर और नागौर समेत अन्य जिलों में शीत लहर की संभावना जताई गई है.


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प्रदेश में न्यूनतम तापमान

प्रदेश में न्यूनतम तापमान की बात की जाए तो अजमेर में 7.6 डिग्री सेल्सियस, भीलवाड़ा में 1 डिग्री सेल्सियस, वनस्थली में 2.9 डिग्री सेल्सियस, अलवर में 7.4 डिग्री सेल्सियस, जयपुर में 4.9 डिग्री सेल्सियस, पिलानी में 1.9 डिग्री सेल्सियस, सीकर में 0.7 डिग्री सेल्सियस, कोटा में 5.5 डिग्री सेल्सियस, सवाई माधोपुर में 3.5 डिग्री सेल्सियस, बूंदी में 5.6 डिग्री सेल्सियस, चित्तौड़गढ़ में 2.7 डिग्री सेल्सियस, डबोक में 4.8 डिग्री सेल्सियस, बाड़मेर में 7.9 डिग्री सेल्सियस, पाली में 6 डिग्री सेल्सियस, जैसलमेर में 5.9 डिग्री सेल्सियस, जोधपुर में 6.9 डिग्री सेल्सियस, फलौदी में 7.8 डिग्री सेल्सियस, बीकानेर में 4.4 डिग्री सेल्सियस, चूरू में माइनस -1.1 डिग्री सेल्सियस, गंगानगर में 1.1 डिग्री सेल्सियस, नागौर में 0.3 डिग्री सेल्सियस, बारां में 3.1 डिग्री, चित्तौड़गढ़ में 2.8 डिग्री सेल्सियस, डूंगरपुर में 10.1 डिग्री सेल्सियस, हनुमानगढ़ में 0.7 डिग्री सेल्सियस, जालौर में 6.4 डिग्री सेल्सियस, सिरोही में 6.5 डिग्री सेल्सियस, फतेहपुर में माइनस -3.3 डिग्री सेल्सियस न्यूनतम तापमान दर्ज किया गया है.

प्रदेश में अधिकतम तापमान

प्रदेश में अधिकतम तापमान की बात की जाए तो अजमेर में 20 डिग्री सेल्सियस, भीलवाड़ा में 24.2 डिग्री सेल्सियस, वनस्थली में 21.6 डिग्री सेल्सियस, अलवर में 19.6 डिग्री सेल्सियस, जयपुर में 20.2 डिग्री सेल्सियस, पिलानी में 19.2 डिग्री सेल्सियस, सीकर में 18.2 डिग्री सेल्सियस, कोटा में 20.6 डिग्री सेल्सियस, सवाई माधोपुर में 20.8 डिग्री सेल्सियस, बूंदी में 20 डिग्री सेल्सियस, चित्तौड़गढ़ में 20 डिग्री सेल्सियस, डबोक में 19.4 डिग्री सेल्सियस, बाड़मेर में 22.3 डिग्री सेल्सियस, पाली में 21.8 डिग्री सेल्सियस, जैसलमेर में 20.5 डिग्री सेल्सियस, जोधपुर में 22 डिग्री सेल्सियस, फलौदी में 22.8 डिग्री सेल्सियस, बीकानेर में 21.4 डिग्री सेल्सियस, चूरू में 19.5 डिग्री सेल्सियस, गंगानगर में 15.4 डिग्री सेल्सियस, नागौर में 19.9 डिग्री सेल्सियस, बूंदी में 20.3 डिग्री सेल्सियस, बारां में 20.2 डिग्री सेल्सियस, चित्तौड़गढ़ में 20.2 डिग्री सेल्सियस, डूंगरपुर में 22.8 डिग्री सेल्सियस, हनुमानगढ़ में 13.5 डिग्री सेल्सियस, जालौर में 23.4 डिग्री सेल्सियस, सिरोही में 22.4 डिग्री सेल्सियस और फतेहपुर में 18.9 डिग्री सेल्सियस अधिकतम तापमान दर्ज किया गया है.

बर्फ से फसलों को नुकसान

प्रदेश में कई जगह पर तेज कड़ाके की ठंड के साथ बर्फ की परत जमने से फसलों को नुकसान हुआ है. कड़ाके की ठंड और बर्फ ने किसानों का हाल बेहाल कर दिया है. सब्जी और अन्य फसलें प्रभावित हुई हैं. खेतों में धुंआ करके और सिंचाई करके फसलों को बचाने का प्रयास किया जा रहा है.

और बढ़ेगी ठंड

मौसम विभाग जयपुर (Jaipur IMD) केंद्र के अधिकारियों के अनुसार ठंड से फिलहाल प्रदेशवासियों को राहत नहीं मिलेगी. उत्तरी सर्द हवाओं से तापमान में गिरावट आने की संभावना बनी रहेगी. अनुमान है कि दिसंबर अंत और जनवरी की शुरुआत में सर्दी रिकॉर्ड तोड़ सकती है.

क्या होता है पाला और उसके लक्षण?

जब वायुमंडल का तापमान शून्य डिग्री सेल्सियस या फिर इससे नीचे चला जाता है तो हवा का प्रवाह बंद हो जाता है, इस वजह से पौधों के Stomata यानी कोशिकाओं के अंदर और ऊपर का पानी जम जाता है. जमा हुआ पानी ठोस बर्फ की पतली परत बना देता है. इसे ही पाला पड़ना कहते हैं. इससे पौधों की कोशिकाओं की दीवारों को नुकसान होता है. पाला पड़ने की वजह से कार्बन डाइऑक्साइड, ऑक्सीजन और वाष्प की विनियम प्रक्रिया भी बाधित होती है. इससे फलदार पेड़ों की Productivity पर विपरीत असर पड़ता है. पत्तियां झूलसने लगती हैं. पत्ते, टहनियां और तने के नष्ट होने से पौधों में अधिक बीमारियां लगने का खतरा रहता है.

किन फसलों पर पड़ता है इसका असर?

सब्जियों, पपीता, आम और अमरूद पर पाले का प्रभाव अधिक पड़ता है. टमाटर, मिर्च, बैंगन, पपीता, मटर, चना, अलसी, सरसों, जीरा, धनिया, सौंफ आदि फसलों पर पाला पड़ने के दिन में ज्यादा नुकसान की आशंका रहती है. जबकि अरहर, गन्ना, गेहूं व जौ पर पाले का असर कम दिखाई देता है. ठंड में उगाए जाने वाले पौधे 2 डिग्री सेंटीग्रेट तक का तापमान सहन कर सकते हैं. इससे कम ये सहन नहीं कर पाते हैं.

Last Updated : Dec 19, 2021, 10:13 AM IST

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