जयपुर.हाईकोर्ट का आदेश आने के बाद भी उसकी पालना नहीं करने के विरोध में राजस्थान वाटर वर्क्स कर्मचारी संघ 27 दिसंबर को जल भवन पर एक बड़ा आंदोलन करेगा और संघ इस आंदोलन की रूपरेखा बनाने में जुट गया है. राजस्थान वाटर वर्क्स कर्मचारी संघ का आरोप है कि हाईकोर्ट का आदेश होने के बावजूद भी पीएचईडी विभाग कर्मचारियों की वेतन कटौती नहीं रोकी जा रही है. कर्मचारी नेता कुलदीप यादव ने तो यहां तक कह कि अब तो हमें भी शर्म आ रही है कि विभाग किस तरह से काम कर रहा है.
राजस्थान वाटर वर्क्स कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष कुलदीप यादव ने बताया कि पहली बार ऐसा हुआ है कि पीएचईडी विभाग में मुख्य अभियंताओं के 6 पद खाली पड़े हैं. सरकार से बार बार आग्रह भी किया गया, लेकिन अभी तक इन पदों पर किसी की भी नियुक्ति नहीं की गई है. दो एडिशनल चीफ इंजीनियरों की डीपीसी भी मुख्य चीफ इंजीनियरों के पदों पर कर दी गई है, फिर भी पिछले 3 महीने से उनकी नियुक्ति नहीं हो पा रही है.
यादव ने कहा कि मुख्य अभियंता प्रशासन की नियुक्ति नहीं होने से नॉन गजीटेड कर्मचारियों के कई काम अटके हुए हैं, उन्होंने कहा कि 3 अक्टूबर 2019 को हाईकोर्ट के आदेश होने के बावजूद भी पीएचईडी विभाग उसकी की क्रियान्विति नहीं कर पा रहा है.जयपुर के तकनीकी कर्मचारियों के ही कम से कम 200 मामले पेंशन विभाग में अटके हुए हैं.
यादव ने मांग की कि हमारे अटके हुए कामों को जल्द से जल्द पूरा किया जाए साथ ही जो भर्ती अटकी पड़ी है, उसका भी विज्ञापन निकाला जाएगा. अब हमें भी शर्म आने लगी है यह पीएचईडी विभाग किस तरह से काम कर रहा है. विभाग में मुख्य अभियन्ताओं के 6 पद खाली पड़े हैं और कर्मचारियों का कोई भी काम नहीं हो रहा है. यादव ने कहा कि इससे पहले भी संगठन कई बार आग्रह कर चुका है लेकिन, उनकी मांगों को लेकर अब तक कार्रवाई नहीं हुई है.