जयपुर.राजस्थान विधानसभा में मंगलवार की कार्यवाही में विपक्ष ने कई सवाल पूछे, तो वहीं सत्ता पक्ष उन सवालों के जवाब में कई तर्क दिए. इस दौरान सत्ता पक्ष और विपक्ष में कई बार नोकझोंक भी देखने को मिली. वहीं, जनजातीय क्षेत्रीय विकास सामाजिक सुरक्षा और कल्याण पर चर्चा के दौरान सदन में उस समय हंगामा हो गया, जब डूंगरपुर से कांग्रेस के विधायक और यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष गणेश घोघरा ने अपने आप को हिंदू मानने से इनकार करते हुए सभी आदिवासियों के लिए आदिवासी धर्मकोड की अलग से मांग कर दी.
इसके बाद आदिवासी कांग्रेस विधायक गणेश घोघरा को जवाब देने के लिए भाजपा की ओर से खड़े हुए आदिवासी विधायक गोपीचंद मीणा कहा अगर इन्हें धर्म परिवर्तन करना हो तो कर लें, लेकिन आदिवासियों को बदनाम नहीं करें. हम आदिवासी तब से खुद को हिंदू मानते हैं जबसे हिंदुस्तान बना.
हिंदू के नाम पर हमारा शोषण हो रहा है: घोघरा
गणेश घोघरा ने कहा कि हमारी हिंदू से संस्कृति नहीं मिलती, हमारे मौत मरण अलग हैं, हमारी संस्कृति अलग है, हमारी प्रथा अलग है, शादी-विवाह में हमारी प्रथा अलग है, हम प्रकृति पूजा करते हैं, हम नदी, पहाड़ और बैल को पूजते हैं. हमारी संस्कृति एकदम अलग है और यह RSS के लोग हमें कहते हैं कि आदिवासी हिंदू हैं. आज भी हिंदू के नाम पर हमारा शोषण हो रहा है.
गणेश घोघरा ने कहा कि यह हमारी मांग अकेले की नहीं है, यह पूरे देश के आदिवासी की मांग है. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आरोप लगाते हुए कहा कि वे तो वैसे भी आदिवासियों को खत्म करना चाहते हैं और आरक्षण को भी खत्म करना चाहते हैं. भाजपा गरीबों का भला नहीं कर सकती, आज तक जो भी मिला है वह कांग्रेस की वजह से मिला है.
आदिवासियों को बदनाम नहीं करें: गोपीचंद मीणा
आदिवासी कांग्रेस विधायक गणेश घोघरा को जवाब देने के लिए भाजपा की ओर से खड़े हुए आदिवासी विधायक गोपीचंद मीणा ने कहा कि अगर इन्हें धर्म परिवर्तन करना हो तो कर लें, लेकिन आदिवासियों को बदनाम नहीं करें. हम आदिवासी तब से खुद को हिंदू मानते हैं जबसे हिंदुस्तान बना. हम हिंदुस्तान में रहते हैं और हिंदू नहीं बोल सकते यह बड़ी समस्या है.
सदन में उठी ओबीसी आरक्षण में भी वर्गीकरण की मांग
कांग्रेस विधायक हरीश मीणा ने सदन में ओबीसी आरक्षण में भी वर्गीकरण की मांग की. मीणा ने देश के उन 10 राज्यों का उदाहरण भी दिया जहां ओबीसी आरक्षण में ओबीसी की जातियों में भी वर्गीकरण किया गया है. मीणा ने कहा कि प्रदेश में 14 फीसदी आबादी जनजाति की है, जिसमें 45 फीसदी टीएसपी क्षेत्र में रहते हैं और 55 फीसदी टीएसपी क्षेत्र के बाहर रहते हैं, लेकिन इसके विकास की जिम्मेदारी जनजाति क्षेत्रीय मंत्रालय की है. इसके लिए पीएसी कमेटी बनी है, जिसमें बतौर सदस्य में भी शामिल हूं लेकिन पिछले ढाई साल से इसकी मीटिंग नहीं हुई.
सदन में उठी किसानों से जुड़ी मांगें
राजस्थान विधानसभा के शून्यकाल में मंगलवार को किसानों से जुड़े मुद्दे भी विधायकों ने उठाए. कांग्रेस विधायक हरीश मीणा ने जहां टोंक के किसानों को बीसलपुर से सिंचाई के लिए पानी दिलाने की मांग की, तो वहीं माकपा विधायक बलवान पूनिया ने प्रदेश में जल्द पटवारियों की हड़ताल समाप्त करवा कर गिरदावरी करवाने की मांग की.