जयपुर. बेरोजगारी दर का लगातार बढ़ता आंकड़ा राजस्थान के युवाओं को चिंतित कर रहा है. सेंटर ऑफ मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी का ताजा सर्वे बताता है कि राजस्थान 25.6 फीसदी बेरोजगारी दर के साथ देश में दूसरे पायदान पर है. इस मामले में हरियाणा 26.4 फीसदी बेरोजगारी दर के साथ देश में पहले पायदान पर है. सेंटर ऑफ मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी के सर्वे इन आंकड़ों पर राजस्थान बेरोजगार एकीकृत महासंघ के प्रदेशाध्यक्ष उपेन यादव ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में कहा कि राज्य सरकार को न केवल सरकारी नौकरियों की भर्ती को लेकर युवाओं से किए गए वादों को पूरा करना चाहिए बल्कि स्किल डवलपमेंट कार्यक्रमों के माध्यम से निजी क्षेत्र की नौकरियों के लिए युवाओं को ट्रेनिंग भी देनी चाहिए.
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उपेन यादव ने कहा कि न केवल सरकारों बल्कि सभी राजनीतिक पार्टियों को भी गंभीरता के साथ बेरोजगारी के मुद्दे पर ध्यान देना होगा. युवाओं का विकास होगा तभी देश का विकास संभव है. बेरोजगारी के लगातार बढ़ते आंकड़ों से युवा अवसाद में जा रहा है और कई युवा खुदकुशी करने को मजबूर हैं. लंबे समय से राज्य सरकार के कई विभागों में भर्तियां अटकी हुई हैं. युवाओं से वादे कर उन्हें सपने दिखाए जाते हैं. लेकिन बेरोजगारों का सपना टूटता नजर आ रहा है.
कहीं भारत को बेरोजगारों को देश ना कहा जाने लगे
उन्होंने कहा कि भारत को युवाओं का देश कहा जाता है. लेकिन ऐसे ही हालात रहे तो कहीं ऐसा ना हो कि भारत को बेरोजगारों का देश कहा जाने लगे. अब इसमें सुधार की जरूरत है. सरकारी नौकरियों के साथ ही निजी क्षेत्रों में रोजगार मुहैया करवाने की दिशा में भी सरकार को ध्यान देना होगा. राजनीतिक पार्टियां चुनाव के समय युवाओं से बड़े-बड़े वादे करती हैं. लेकिन उन्हें पूरा नहीं करती. वोट की फसल बटोरने का बाद राजनीतिक पार्टियां युवाओं से किए गए वादे भूल जाती हैं. इस पर चुनाव आयोग को संज्ञान लेना चाहिए. जो पार्टी अपने वादों पर खरा नहीं उतरती हैं. उन पर चुनाव आयोग को सख्त कार्रवाई करनी चाहिए. यह पार्टी विशेष का नहीं बल्कि देश का मामला है.
उपेन यादव ने कहा कि देश में बेरोजगारी दर के लिहाज से राजस्थान का दूसरे नंबर पर आना बहुत ही चिंताजनक है. राज्य सरकार को हरियाणा की तर्ज पर राजस्थान में भी निजी क्षेत्रों में युवाओं को नौकरियां मुहैया करवाने की दिशा में नीति निर्धारण करना चाहिए. सरकारी हो या निजी क्षेत्र पहले राजस्थान के बेरोजगार युवाओं को ज्यादा से ज्यादा मौका मिलना चाहिए. हर परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी की मांग वह लंबे समय से कर रहे हैं.